पहले बच्चों की मौत. फिर जमीन का विवाद और अब दवा का पंगा. संत आसाराम बापू का विवाद पीछा ही नहीं छोड़ रहा. गोधरा में उनके आश्रम के खिलाफ बिना अनुमति दवा बनाने और बेचने का मुकदमा दर्ज हो गया है. जिसपर 13 जनवरी को सुनवाई होगी.
अपने प्रवचन से दूसरों के दुख हर लेने वाले संत आसाराम बापू के खुद के कष्ट बढ़ते जा रहे हैं. इस बार विवादों में है इनके आश्रम में बिकने वाली आंखों में डालने वाली दवा संत नेत्रबिंदु.
गोधरा के इस आश्रम से दो साल पहले जब्त की गई दवाओं को लेकर कोर्ट में मुकदमा दायर हो गया है. जिसमें आसाराम बापू और उनकी पत्नी समेत 14 चेलों के नाम शामिल हैं.
शिकायत करने वाले हैं पंकज यादव जिनकी आंखों में दवा डालते ही जलन होने लगी थी.
पंकज की शिकायत पर फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट ने आश्रम पर छापा मारा और 36 नमूने जब्त कर लिए. जांच में पाया गया है कि आसाराम के आश्रम के पास दवा बनाने का लाइसेंस नहीं था और ना ही आश्रम को दवा बेचने की इजाजत दी गई थी.
इसी आधार पर विभाग ने आसाराम बापू को अपराधी मानकर कोर्ट में याचिका दाखिल की है. जाहिर है आने वाले दिन आसाराम के लिए मुसीबत भरे हो सकते हैं.