दुष्कर्म मामले में संत आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले अमृत प्रजापति की मंगलवार सुबह मौत हो गई.
अमृत प्रजापति पर 22 मई को राजकोट में दो अज्ञात युवकों ने फायरिंग की थी, जिसके बाद उन्हें शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद प्रजापति को अहमदाबाद लाया गया, जहां उनकी आज सुबह मौत हो गई. हालांकि प्रजापति पर हमले के आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं.
गौरतलब है कि अमृत प्रजापति एक समय आसाराम के आश्रम में वैद्य थे. लगभग 12 सालों तक अहमदाबाद आश्रम में वैद्य रहे प्रजापति ने आश्रम छोड़ दिया था. हाल ही में जोधपुर में एक सेविका द्वारा आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाने के बाद प्रजापति ने भी आसाराम के आश्रम में होने वाली कई गतिविधियों का पर्दाफाश किया था.
प्रजापति ने यह भी आरोप लगाया था कि आसाराम अफीम का सेवन करते थे. इसे वे पंचेड़ बूटी कहते हैं. हालांकि आसाराम के बेटे नारायण साईं ने दावा किया कि उनके पिता अफीम का सेवन नहीं करते. प्रजापति ने कहा कि आसाराम रतलाम से 17 किलोमीटर दूर पंचेड़ आश्रम में खुद अफीम की खेती करवाते थे और वहां से अपने लिए अफीम मंगाते थे. आसाराम के आश्रम के लोगों का कहना है कि प्रजापति आसाराम के खिलाफ आरोप इसलिए लगा रहे हैं क्योंकि बापू ने उन्हें अपने आश्रम से निकाल दिया था.
ऐसे किया था हमला
अमृत प्रजापति राजकोट के पेडक रोड पर स्थित अपने ओमशांति क्लीनिक में बैठे हुए थे. इसी बीच दो युवक मरीज
बनकर यहां आए. जब प्रजापति एक युवक की नस देख रहे थे तब दूसरे युवक ने उन पर दो राउंड फायर कर दिए.
एक गोली प्रजापति के होंठों के नीचे लगी, वहीं दूसरी गोली कान को छूती हुई निकल गई. फायरिंग के बाद आरोपी अपनी
बाइक से भाग निकले.