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आसाराम की जमानत याचिका पर राजस्‍थान हाईकोर्ट में सुनवाई आज, राम जेठलानी करेंगे पैरवी

नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे आसाराम की न्‍यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है. जोधपुर की जिला अदालत में पेशी के दौरान जज ने फैसला सुनाने में सिर्फ दो मिनट लिए और उन्‍हें 30 सितंबर तक न्‍यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दे दिया.

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आसाराम
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नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे आसाराम की न्‍यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है. जोधपुर की जिला अदालत में पेशी के दौरान जज ने फैसला सुनाने में सिर्फ दो मिनट लिए और उन्‍हें 30 सितंबर तक न्‍यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दे दिया.

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आपको बता दें कि आज आसराम की न्‍यायिक हिरासत खत्‍म हो रही थी, लेकिन अब उन्‍हें 30 सितंबर तक जेल में रहना होगा. इसी बीच, पीड़ित लड़की के परिवार ने आसाराम के सेवादार पर उन्‍हें धमकाने का आरोप लगाया है.

उधर, आसाराम ने राजस्‍थान हाईकोर्ट से बेल मांगी है, जिस पर आज दोपहर सुनवाई होगी. खास बात यह है कि मशहूर वकील राम जेठमलानी उनके केस की पैरवी कर रहे हैं.

पत्रकारों ने जब जेठमलानी से इस बारे में पूछा तो उन्‍होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा, 'आप लोगों को कुछ पता नहीं होता है, बस किसी एक के पीछे पड़ जाते हैं. जब दो-तीन पत्रकार जेल में जाएंगे तब आप लोगों को पता चलेगा.'

इस बीच आसाराम के एक सेवादार पर पीड़ित लड़की के पिता को बयान बदलवाने के लिए कथित रूप से धमकाने का मामला सामने आया है. पीड़ित लड़की के वकील ने पुलिस को एक ऑडियो सीडी सौंपी है, जिसमें सेवादार कह रहा है कि अगर लड़की ने बयान नहीं बदला तो उसे जान से मार दिया जाएगा. हालांकि, यह बातचीत 30 अगस्त की है, तब आसाराम गिरफ्तार नहीं हुए थे.

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वकील ने कहा कि वह कोर्ट को बताएंगे कि गवाहों को डराया और धमकाया जा रहा है. ऐसे में आसाराम को जमानत नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गवाह की सुरक्षा के लिए आरोपी का जेल में रहना जरूरी है.

वहीं, पुलिस आसाराम को ढील देने के मूड में नहीं है. पुलिस को अभी तीन और आरोपियों शिल्पी, शरद चंद्रा और एक रसोइए की तलाश है. ऐसे में पुलिस आसाराम को रिमांड में लेने की कोशिश करेगी.

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