राजस्थान के भरतपुर शहर में करीब चार बीघा जमीन पर आसाराम का आश्रम बना हुआ है. लेकिन कुछ दिन पहले जिला प्रशासन को इस आश्रम के बारे में कुछ शिकायतें मिली थीं, जिसकी जांच जिला कलक्टर ने कराई तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया.
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दरअसल, जिस भूमि पर आश्रम बना हुआ है, वो कृषि भूमि में है, जिसका अभी तक यूआईटी में रूपांतरण नहीं हो पाया है, जो कानूनी दृष्टी से अवैध है. जिला कलक्टर नीरज के पवन ने आश्रम के नाम एक नोटिस सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि रूपांतरण नहीं होने तक आश्रम में किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं होनी चाहिए. साथ ही आश्रम से वो बोर्ड भी हटाने का निर्देश दिया है, जिस पर आसाराम लिखा हुआ है.
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दूसरी तरफ शहर के एक व्यक्ति उद्दव अरोरा ने भी प्रशासन को शिकायत की है कि आश्रम ने उसकी कुछ भूमि दबा रखी है. जिला प्रशासन ने धारा 177 के तहत एक्शन लेते हुए आश्रम की गतिबिधियों को बंद कर दिया है.