आसाराम अपने पाप के आरोपों की सज़ा जोधपुर जेल में भोग रहे है. आसाराम ने बीमारी की बहुत दुहाई दे डाली, महिला वैद्य बुलाने की तमाम कोशिशें कर डालीं लेकिन अब खुलासा आसाराम की नई बीमारी का हुआ है. नई बीमारी बाबा को बचाएगी नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ फंसाएगी.
वकील आसाराम को बचाने के लिए इंडिया से लेकर इंग्लैंड तक की दलीलें दे रहे हैं लेकिन आसाराम पर आरोप बेहद घिनौना है. आसाराम की हाईकोर्ट ने न सिर्फ जमानत खारिज कर दी है, बल्कि जोधपुर कोर्ट ने आसाराम की शिष्या शिल्पी को 3 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है.
आखिर में सरकारी वकील ने कोर्ट में एक मेडिकल रिपोर्ट पेश की जिसके अनुसार आसाराम को पीडोफीलिया नाम की बीमारी से ग्रस्त बताया गया है.
वो जेहनी बीमारी जिसका शिकार होने के बाद इंसान रिश्ते बनाने के मामले में बड़े तो बड़े बच्चों से भी फ़र्क करना भूल जाता है. दूसरे लफ्ज़ों में कहें तो इस दिमागी हालत का शिकार होने के बाद इंसान को बच्चों से जिस्मानी रिश्ते बनाना अच्छा लगने लगता है.
वैसे तो मनोविज्ञान या मेडिकल साइंस की दुनिया में इस बीमारी को पीडोफिलिया कहते हैं, लेकिन हक़ीक़त यही है कि इस पीडोफिलिया के मरीज़ों को तकरीबन पूरी दुनिया में हिकारत की निगाहों से देखा जाता है. क्योंकि पीडोफिलिया के मरीज़ अक्सर उन मासूमों को अपनी यौन हिंसा या कुंठा का शिकार बनाते हैं, जिन्हें दुनिया और दुनियादारी की समझ तक नहीं होती.
आसाराम के बारे में ये खुलासा किया है खुद राजस्थान के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आनंद पुरोहित ने. यह बात राजस्थान हाई कोर्ट में कही गई है, जहां आसाराम ने अपनी ज़मानत के लिए अर्ज़ी लगाई थी. लेकिन इससे पहले कि अदालत आसाराम को ज़मानत देने या ना देने के मसले पर कोई फ़ैसला कर पाती, आनंद पुरोहित ने आसाराम को पीडोफिलिया का शिकार बता कर केस का रुख ही बदल दिया.
पुरोहित ने बताया कि पुलिस की अब तक की तफ्तीश में ये बात साफ़ हुई है कि आसाराम सत्संग और प्रवचन के दौरान अपनी छवि की आड़ में लड़कियों और ख़ास कर बच्चों के साथ ग़लत हरकतें करते रहे हैं, जो पीडोफिलिया बीमारी को साबित करती है.
पुरोहित ने बताया कि किस तरह आसाराम ने पूरी साज़िश रच कर ना सिर्फ़ इस लड़की को अपने गलत इरादों का शिकार बनाया, बल्कि अपनी चौकड़ी की मदद से आश्रम की कई दूसरी लड़कियों के साथ भी नाजायज़ हरकतें कीं.
वैसे पीडोफिलिया के बारे में कहा जाता है कि इसका अब तक दुनिया में कोई इलाज नहीं है. हालांकि इसके शिकार लोगों के पीडोफिलिक व्यवहार को कम करने या रोकने के लिए उनकी काउंसिलिंग की कोशिश की जाती है.