कोयला घोटाले में नया कांड सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को लेकर अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती पर सवाल उठाने वाले एडिशन सॉलीसिटर जनरल हरिन रावल से इस्तीफा मांगा गया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल हरिन रावल ने सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पर एटॉर्नी जनरल वाहनवती को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में कोयला कांड से जुड़ी सुनवाई के ठीक पहले कानून के एक बड़े अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया है. एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल हरीन रावल ने कहा है कि सीबीआई स्टेटस रिपोर्ट के मसले में उन्हें बलि का बकरा बना दिया गया.
सूत्रों के मुताबिक रावल ने अटार्नी जनरल जी ई वाहनवती को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि वाहनवती ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट को प्रभावित करने की कोशिश की है.
रावल का दावा है कि सीबीआई के किए-धरे में वाहनवती शामिल रहे हैं, जबकि बलि का बकरा उन्हें यानी रावल को बनाया जा रहा है.
दरअसल, पहले सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रावल ने कहा था कि कोयला आवंटन जांच की स्टेटस रिपोर्ट सरकार से साझा नहीं की गई है.
जबकि सीबीआई प्रमुख ने अब सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा है कि कोयला आवंटन पर एजेंसी की रिपोर्ट कानून मंत्री तथा पीएमओ और कोयला मंत्रालय के अधिकारियों से साझा की गई थी.
जाहिर है एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को जो जानकारी दी थी, वो गलत जानकारी थी और यही वजह है कि रावल कह रहे हैं, उन्हें आगे कर बलि का बकरा बना दिया गया.
बीजेपी ने मांगा PM से इस्तीफा
उधर विपक्षी पार्टी बीजेपी के तेवर भी कड़े हो गए हैं और सुप्रीम कोर्ट के सामने गलत बयानी करने और सच्चाई को नहीं बताने के आरोप में वो प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के साथ ही कानून मंत्री को हटाने की भी मांग कर रही है.