मुंबई आतंकी हमले में बंधक लोगों को बचाने और आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जांबाजों को कृतज्ञ राष्ट्र ने शांति काल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार 'अशोक चक्र' से सम्मानित करने की घोषणा की है. इनके अलावा बटला कांड में शहीद हुए इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा व सेना के अन्य जांबाजों समेत 11 को अशोक चक्र दिया गया.
राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल सोमवार को गणतंत्र दिवस परेड से पहले इनके परिजनों को इन वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया. इंस्पेक्टर शर्मा को अशोक चक्र के साथ ही सरकार ने साफ कर दिया कि मुठभेड़ असली थी और किसी जांच की कोई जरूरत नहीं है.
सशस्त्र सैन्य बलों के जांबाजों को 13 कीर्ति चक्र, 31 शौर्य चक्रऔर वीरता के लिए 91 सेना पदकों समेत बहादुरी और विशिष्ट सेवाओं के लिए 428 पदक दिए जाने की घोषणा की गई है. इनमें पांच नौसेना पदक, पांच वायु सेना पदक, 29 परम विशिष्ट सेवा पदक, दो उत्तम युद्ध सेवा पदक, 51 अति विशिष्ट सेवा पदक, पांच युद्ध सेवा पदक, 124 विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम ड्यूटी के लिए 41 सेना पदक, उत्तम सेवा के लिए 14 वायु सेना पदक शामिल हैं. वीरता के लिए दो तटरक्षक पदक और उल्लेखनीय सेवा के लिए तीन तटरक्षक पदक भी दिए गए.
अशोक चक्र हासिल करने वालों में एनएसजी के कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन और हवलदार गजेन्द्र सिंह के अलावा महाराष्ट्र के एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक मारूतराव काम्टे, मुठभेड़ में माहिर माने जाने वाले विजय शाहदेव सालस्कर व एएसआई तुकाराम गोपाल ओंबले शामिल हैं.
सेना के कर्नल जोजान थामस और हवलदार बहादुर सिंह बोहरा को भी आतंकियों से लड़ते हुए अदम्य वीरता दिखाने के लिए अशोक चक्र से मरणोपरांत सम्मानित करने की घोषणा की गई है. मेघालय व उड़ीसा पुलिस के दो जांबाजों के लिए अशोक चक्र 15 अगस्त को ही घोषित कर दिए गए थे. ये सभी अशोक चक्र मरणोपरांत दिए जा रहे हैं.