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VHP को चाहिए 'हिन्दुत्व स्वाभिमान' वाली सरकार

विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल ने कहा है कि रामजन्म भूमि आंदोलन देश की सांस्कृतिक एवं धार्मिक आजादी का आंदोलन है और जिस तरह हिन्दू जाग रहा है, उससे तय है कि केन्द्र में हिन्दुत्व स्वाभिमान वाली सरकार बनकर रहेगी.

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विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल ने कहा है कि रामजन्म भूमि आंदोलन देश की सांस्कृतिक एवं धार्मिक आजादी का आंदोलन है और जिस तरह हिन्दू जाग रहा है, उससे तय है कि केन्द्र में हिन्दुत्व स्वाभिमान वाली सरकार बनकर रहेगी.

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उज्जैन से दिल्ली जाते हुए सिंघल ने रविवार को संवाददाताओं से बातचीत की. नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर पूछे गए सवालों को यह कहकर टाल दिया कि ‘सबसे मेरे मधुर संबंध हैं और मैं किसी को किसी का नाम लेकर नाराज नहीं कर सकता हूं.’ उन्होंने यह भी कहा कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाया जाए अथवा नहीं, यह मीडिया की उपज है.

यह पूछने पर कि देश में हिन्दुत्व स्वाभिमानी प्रधानमंत्री कौन हो सकता है, उन्होंने कहा कि उनका एजेंडा तो संतों द्वारा तय किया गया एजेंडा ही है. संतों की बातों को ‘कट्टरवाद’ से जोड़कर नहीं देखना चाहिए.

विहिप के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जब अदालत ने तय कर दिया है कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि वहीं है, जहां रामलला कपड़े के मंदिर में बैठे हैं और वहां हजारों साल से मंदिर रहे हैं तथा उन्हें तोड़कर उसके मलबे से ‘ढांचा’ खड़ा किया गया था, तो अब जन्मभूमि पर मंदिर बनाने में कहां अड़चन है. संसद को इस बारे में कानून बनाना चाहिए. यदि वर्तमान संसद यह काम नहीं करती है, तो उन्हें विश्वास है कि 2014 में बनने वाली संसद में ऐसा कानून अवश्य बन जाएगा.

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पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की हत्या को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विहिप के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘देश में अब स्वाभिमान रह ही नहीं गया है. पाकिस्तानी सेना हमारे सैनिकों के सिर काट ले जाती है, वह बार बार युद्धविराम का उल्लंघन करती है, चीन हमारी सीमा में आकर बैठ जाता है और हम चुप हैं.’ सिंघल ने कहा कि देश में चौदह प्रतिशत मुसलमान रहते हैं और बहुसंख्यक मुस्लिम मिल-जुलकर रहना चाहते हैं. भारत में ही नहीं, अपितु संसार भर में जेहादियों ने अशांति मचा रखी है.

इलाहाबाद में सम्पन्न हुए कुंभ के दौरान हिन्दू धर्म संसद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संतों की मुख्य चिंता का विषय मुस्लिमों की बढ़ती आबादी रहा है. उनका अनुमान है कि अगले पचास सालों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो सकते हैं.

विहिप नेता ने कहा कि उन्हें (एक समुदाय विशेष) चार शादियां करने का हक है और परिवार नियोजन भी वे नहीं अपनाना चाहते. वोट बैंक की राजनीति की वजह से हिन्दू समाज के साथ खिलवाड़ चल रहा है.

उन्होंने कहा कि 11 एवं 12 जून को हरिद्वार में संतों की बैठक हो रही है और उसमें तय होगा कि धर्म संसद के दौरान ‘13 करोड़ रामनाम जप’ का जो कार्यक्रम तय किया गया था, उसे आम हिन्दुओं तक कैसे पहुंचाया जाए.

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