राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित लाल किला प्रांगण में भगवद्गीता के 5151वें साल में प्रवेश का उत्सव मानाया जा रहा है. कार्यक्रम में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर समेत कई बड़े नेता और संत शामिल हो रहे हैं. उत्सव में शिरकत करते हुए जहां सुषमा स्वराज कहा कि वह विदेश मंत्री नहीं बल्कि गीता के अनुसार जीवन जीने वाली साधक के रूप में शामिल हुई हैं, वहीं वीएचपी नेता अशोक सिंघल ने कहा कि सरकार को गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करना चाहिए.
कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि वह गीता की वजह से ही मंत्री पद की चुनौतियों का सामना कर पा रही हैं. सुषमा ने कहा, 'गीता की वजह से ही मैं बिना किसी परेशानी के विदेश मंत्री की चुनौतियों का सामना कर पा रही हूं. गीता जीवन की राह है और यह कभी अवसाद नहीं आने देती. जीवन की तमाम समस्याओं प्रश्नों का उत्तर गीता में है.' सुषमा स्वराज ने कहा कि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को गीता भेंट कर इसे अनौपचारिक रूप से राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा दे दिया है.
अगले साल हरियाणा में होगा विराट आयोजन
उत्सव में शामिल हरियाणा से सीएम मनोहर खट्टर ने अगले साल भगवद्गीता के 5151 साल पूरे होने पर हरियाणा में विराट आयोजन की घोषणा की. खट्टर ने कहा, 'अगले साल गीता के 5151 साल पूरे होने के अवसर पर ऐसा ही विराट आयोजन हरियाणा के कुरुक्षेत्र में होगा. इसके लिए बजट बनाया जाएगा और विशेष वर्ष भी मनाया जाएगा.'
इसके साथ ही खट्टर ने कहा वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आगामी गीता जयंती पर डाक टिकट जारी करने की प्रार्थना करेंगे. जबकि समारोह में शामिल विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करना चाहिए. उत्सव में बाबा रामदेव, रमेश भाई ओझा समेत कई दिग्गजों ने शिरकत की.