रेलवे ने गुरुवार को कहा कि 31 मार्च, 2020 तक बिना कर्मचारी वाले सभी रेलवे क्रासिंग को समाप्त कर दिया जाएगा. रेलवे ने यह बयान तब दिया है जब उत्तर प्रदेश में गुरुवार को एक मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर एक स्कूल वैन के ट्रेन से टकरा जाने से 13 बच्चों की मौत हो गई.
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने यह भी कहा कि रेलवे कोई भी कदम उठा ले, लेकिन लोगों की लापरवाही को नहीं रोका जा सकता. उन्होंने लोगों से क्रॉसिंग पार करते समय सतर्क रहने का आग्रह किया.
अधिकारियों ने कहा, ‘‘हम सभी यूएमएलसी (मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग ) को 31 मार्च 2020 तक हटाने का प्रयास कर रहे हैं.’’
लोहानी ने कहा कि जब तक यूएमएलसी को हटा नहीं दिया जाता तब तक लोगों को क्रॉसिंग पार करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. रेलवे ऐसा कोई भी कदम नहीं उठा सकती, जिससे लोगों की लापरवाही को रोका जा सके.
अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने 2017-18 में 1,565 ऐसे क्रॉसिंग को हटाया है और 2018-19 में इस तरह के 1,600 क्रॉसिंग को हटाने का लक्ष्य है.
उन्होंने बताया कि इस तरह के क्रॉसिंग को हटाये जाने के बाद पिछले कुछ वर्षों में मानव रहित क्रॉसिंग पर होने वाले हादसों में कमी आई है. 2014-2015 में मानवरहित फाटकों पर इस तरह के 50 हादसे, 2015-2016 में 29 हादसे, 2016-2017 में 20 हादसे, 2017-2018 में 10 हादसे और इस वर्ष एक हादसा हुआ है.
अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने इस वर्ष 31 मार्च तक व्यस्त स्टेशन पर इस तरह के क्रासिंग को सफलतापूर्वक हटाया है. पूरे रेलवे नेटवर्क पर 26 अप्रैल 2018 तक इस तरह के 5,792 क्रॉसिंग है.