असम के तिनसुकिया जिले के बघजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के गैस के कुएं में आग लगातार धधक रही है. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि आगपर तुरंत काबू पाना लगभग नामुमकिन है. तीन दिन पहले भड़की आग ने इलाके में कोहराम मचा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को केंद्र की ओर से हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है.
गौरतलब है कि असम के तिनसुकिया में आसमान में सिर्फ काला धुआं दिख रहा है. आग और उससे उठता धुआं इतना घना है कि 30 किलोमीटर दूर से भी दिख जाए. जमीन पर बेकाबू आग सबकुछ जलाने पर अमादा है. एक किलोमीटर के दायरे में हर चीज खाक हो चुकी है. रिसते गैस में लगी आग को काबू करने की कोशिश करते हुए दो दमकल कर्मचारियों की मौत हो गई.
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अबतक आग बुझाने की सारी कोशिश बेकार गई है. इलाके में अफरा-तफरी मची हुई है. हादसे में कम से कम 30 मकान जल गए हैं. प्रशासन ने अबतक 1,610 परिवारों को सुरक्षित निकाल लिया है. स्थानीय लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है. सिर्फ इंसान ही नहीं कई मीटर ऊंचे उठते काले धुएं से डिब्रु सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान को खतरा हो गया है.
विशेषज्ञों की माने तो इस आग पर काबू पाना चुनौती है. गैस का रिसाव रूक नहीं रहा. ऑयल इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों के साथ-साथ ओएनजीसी के अफसर, भारतीय वायु सेना, एनडीआरएफ की टीम, जिला प्रशासन के अफसर और विशेषज्ञों की टीम की अबतक की सारी कोशिशें बेकार हो गई है.
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विशेषज्ञों की माने तो सिर्फ दो ही तरीके से आग पर काबू पाया जा सकता है. पहला विकल्प ऑक्सीजन रोककर आग पर काबू पाया जा सकता है और इसके लिए कुएं के मुहाने पर एक बड़ा विस्फोट कराना होगा, लेकिन ऐसा करना बहुत मुश्किल है. दूसरा विकल्प यह है कि कुएं के नीचे से गैस की आपूर्ति खुद ही खत्म हो जाए और प्राकृतिक रूप से आग बूझ जाए.
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पहले विकल्प में खतरा बहुत है और दूसरे विकल्प को माने तो आग को काबू करने में लंबा इंतजार करना होगा. दरअसल ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल के कुएं से हो रही गैस रिसाव की घटना बीते 27 मई को सामने आई थी. रिसाव को रोकने की शुरुआती कोशिश नाकाम रही. इस मामले की शुरुआती जांच के बाद दो लोगों को सस्पेंड भी किया गया है.