पूर्वोत्तर में एक अलग राज्य की लंबे समय से जारी मांग थमने के आसार हैं. असम में पिछले लंबे समय से अलग बोडोलैंड की मांग करने वाले चार गुटों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला लिया है. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम सरकार के साथ NDFB ने समझौता किया, जिसके तहत अब बोडोलैंड की मांग नहीं की जाएगी.
नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन ऑफ बोडोलैंड (NDFB) की अगुवाई में अलग राज्य की मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार की ओर से सख्त रुख अख्तियार करने के बाद तस्वीर पूरी तरह से बदल गई.
गृह मंत्रालय में हुए समझौते पर हस्ताक्षर (फोटो: अनिल जायसवाल)
समझौते के बाद क्या बोले अमित शाह?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज भारत सरकार, असम सरकार और बोडो संगठन के चार समूहों के बीच समझौता हुआ है, ये सुनहरे भविष्य का दस्तावेज है. साल 1987 से ये आंदोलन हिंसक बना, इसमें 2823 नागरिक संघर्ष में मारे गए है, 949 बोडो काडर के लोग और 239 सुरक्षाबल भी मारे गए हैं.
Home Minister Amit Shah on agreement with National Democratic Front of Bodoland factions: 1550 cadres along with 130 weapons will surrender on 30th January. As the Home Minister, I want to assure all representatives that all promises will be fulfilled in a time-bound manner. pic.twitter.com/PNDGYFdyYZ
— ANI (@ANI) January 27, 2020
सरकार की ओर से बोडो गुटों की मांग को मानते हुए एक अलग यूनिवर्सिटी, कुछ राजनीतिक आधार, बोडो भाषा के विस्तार पर विस्तार किया जा सकता है. इस दौरान NDFB संगठन के रंजन दैमिरी, गोविंदा बासुमैत्री, धीरेन बोरे और बी. सारोगैरा समेत अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे.
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अलगाववादी गुटों ने किया था आत्मसमर्पण
केंद्रीय गृह मंत्रालय और बोडो संगठनों के बीच ये फैसला तब हो रहा है, जब दो दिन पहले ही सैकड़ों की संख्या में अलगाववादियों ने आत्मसमर्पण किया था. असम के आठ प्रतिबंधित संगठनों से ताल्लुक रखने वाले कुल 644 उग्रवादियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल के समक्ष गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया था.
इनका संबंध उल्फा (I), NDFB, आरएनएलएफ, केएलओ, सीपीआई (माओवादी), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी से था.
गणतंत्र दिवस के दिन दहला असम
इस बड़े समझौते के एक दिन पहले असम बम धमाकों से दहल गया था. गणतंत्र दिवस के अवसर पर असम के डिब्रूगढ़, चराईदेव और तिनसुकिया में 5 धमाके हुए. हालांकि, इन धमाकों में किसी तरह के बड़े नुकसान की खबर नहीं आई. इन धमाकों की जिम्मेदारी उल्फा (I) ने ली थी, जिसके कुछ सदस्यों ने बीते दिनों आत्मसमर्पण किया था.
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बता दें कि असम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे से ऊपरी हिस्से पर एक अलग राज्य की मांग की जा रही थी. अलगाववादियों की ओर से भाषा, संस्कृति की मांग और अन्य अधिकारों को लेकर लंबे समय से अलग राज्य की मांग की गई थी.