असम में बाढ़ के खतरे को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों ने संसद भवन में धरना प्रदर्शन किया. सोमवार को गांधी प्रतिमा के सामने हाथों में तख्तियां लेकर कांग्रेस सांसदों ने केंद्र सरकार से मांग की कि असम बाढ़ को "राष्ट्रीय समस्या" घोषित की जाए.
Assam: Kaziranga National Park & National Highway-37 flooded, following heavy rainfall in the area. pic.twitter.com/u45r4pRSZ6
— ANI (@ANI) July 15, 2019
गौरतलब है कि असम के 33 जिलों में से 17 जिले बाढ़ का दंश झेल रहे हैं. इन जिलों के 4.23 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं. वहीं, दिल्ली में अब भी बारिश का इंतजार किया जा रहा है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, ब्रह्मपुत्र नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण 17 जिलों में बाढ़ आ गया है. इसके कारण 4,23,386 लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है. बाढ़ के कारण 16,730.72 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है. नदी के कटाव के कारण 19 गांवों पर अस्तित्व बचाने का खतरा मंडरा रहा है. 64 से अधिक सड़कें और एक दर्जन पुल पानी में डूबे हैं.
असम के अलावा त्रिपुरा और मिजोरम के निचले इलाकों और गांवों में बारिश के कारण आई बाढ़ से प्रभावित 15,000 से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. बारिश और भूस्खलन के कारण त्रिपुरा और मिजोरम का देश के बाकी हिस्से से रेल मार्ग से संपर्क टूट गया है. बाढ़ के कारण नदियों में आए उफान में डूबे तीन लोगों के शव बरामद किए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि अगरतला के बाहरी इलाकों, जिरानिया, कल्याणपुर और पश्चिमी त्रिपुरा के तेलयामुरा स्थित 38 राहत शिविरों में 12,000 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं.