असम में 80 और गांवों के पानी की चपेट में आ जाने के साथ ही राज्य में बाढ़ की स्थिति बिगड़ गयी वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई के साथ स्थिति पर विचार विमर्श किया तथा केंद्रीय मदद की पेशकश की.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने कहा कि धेमाजी, चिरांग तथा लक्ष्मीपुर जिलों में 80 और गांवों के जलमग्न होने से जलमग्न हुए गांवों की संख्या 350 तक हो गयी है. 11 जिलों के इन 350 गांवों में करीब एक लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
ब्रह्मपुत्र राज्य में कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. प्रधानमंत्री ने बाढ़ की स्थिति पर मुख्यमंत्री से चर्चा की और उनसे पूछा कि उन्हें केंद्र से किस प्रकार की मदद की जरूरत है.
बाढ़ के इस पहले चरण में मोरीगांव में एक व्यक्ति की मौत हुई है. बाढ़ के कारण करीब छह हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में खड़ी फसल डूब गयी है.
धेमजी और चिरांग जिलों में सात राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां करीब 1,500 लोगों ने शरण ले रखी है. बाढ़ प्रभावित लोगों ने दावा किया कि पहले आयी बाढ़ों के कारण टूटे तटबंधों की मरम्मत नहीं करायी गयी थी.
बाढ़ के कारण गोलाघाट जिले में छह सड़कें, एक पुल, तीन पुलियों के क्षतिग्रस्त होने की खबर है. करीमगंज जिले में दो स्थानों पर बांध टूटने की खबर है. बाढ़ के कारण पवित्र वन्यजीव अभयारण्य और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी प्रभावित हुए हैं जहां एक हाथी और एक हिरण की मौत हो गयी.
बाढ़ से प्रभावित जिलों में धेमजी, तिनसुकिया, चिरांग, नगांव, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, करीमगंज, लक्ष्मीपुर, मोरीगांव और शिवसागर शामिल हैं.