मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्जमाफी के ऐलान के बाद बीजेपी शासित असम में भी किसानों की कर्जमाफी की गई है. हालांकि ये कर्जमाफी 25 प्रतिशत ही है. अधिकतम 25 हजार रुपये तक किसानों की कर्जमाफी को मंजूरी दी गई है.
असम सरकार कर्जमाफी पर 600 करोड़ रुपए खर्च करेगी. इससे राज्य में आठ लाख किसानों को लाभ होगा. असम सरकार के प्रवक्ता और संसदीय मामलों के मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा कि योजना के तहत सरकार किसानों के 25 प्रतिशत तक कर्ज बट्टे खाते में डालेगी. इसकी अधिकतम सीमा 25,000 रुपये है. इस माफी में सभी प्रकार के कृषि कर्ज शामिल हैं. यह कृषि कर्ज माफी उन सभी कर्ज पर लागू होंगे जो किसानों ने क्रेडिट कार्ड के जरिये तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिये हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने ब्याज राहत योजना की भी मंजूरी दी है. इसके तहत करीब 19 लाख किसान अगले वित्त वर्ष से शून्य ब्याज दर पर कर्ज ले सकेंगे. सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया.
प्रवक्ता ने कहा कि कर्ज राहत योजना के तहत किसानों के अब तक लिये गये कर्ज में से 25 प्रतिशत को माफ किया जाएगा. अधिकतम लाभ 25,000 रुपये तक है. इस योजना से करीब आठ लाख किसानों को तत्काल लाभ होगा. इन योजनाओं से चालू वित्त वर्ष में सरकारी खजाने को 600 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. अगले वित्त वर्ष से बजट में इसका प्रावधान किया जाएगा.
मंत्रिमंडल ने किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिये कर्ज लेने के लिये प्रोत्साहित करने को लेकर इस पर 10,000 रुपये तक तक की सब्सिडी देने को भी मंजूरी दे दी.
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने राज्य में स्वतंत्रता सेनानी का पेंशन 20,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने को भी मंजूरी दी. बैठक में राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मझोल उद्यम को बढ़ावा देने के लिये सूक्ष्म और लघु उद्योग सुविधा परिषद के गठन को भी मंजूरी दी गई.
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सरकार बनाने के 6 घंटे के भीतर दोनों राज्यों में कर्जमाफी की थी. इसके बाद आज दोपहर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी चुनौती देते हुए कहा था कि वे मोदी सरकार पर किसानों का कर्जा माफ करने का दबाव बनाएंगे.
गौरतलब है कि सोमवार को ही एमपी और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सरकार बनाई है. एमपी में कमलनाथ ने शपथ ग्रहण करने के घंटे भर के भीतर किसानों का 2 लाख रुपये तक का कर्जा माफ किया. रात होते-होते छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने भी कमान संभालते ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया.
सर्बानंद सोनवाल के इस ऐलान के साथ ही नॉर्थ ईस्ट में असम किसानों की कर्जमाफी करने वाला पहला राज्य बन गया है. इधर असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सर्बानंद सोनवाल के इस फैसले को लॉलीपॉप बताया है. कांग्रेस नेता प्रद्युत ने कहा कि ये सिर्फ लाइमलाइट में आने के लिए उठाया गया कदम है. इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला है. अगर वाकई किसानों की मदद करनी है तो कुछ और कदम उठाने होंगे.