असम में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का सिलसिला जारी है. अब तक शराब पीकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 133 हो चुकी है. जहरीली शराब पीने से 200 से ज्यादा लोग बीमार हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से कुछ की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है. वहीं प्रशासन ने शराब के अवैध अड्डों पर कार्रवाई करते हुए हजारों लीटर शराब नष्ट की है. साथ ही 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) मुकेश अग्रवाल ने 133 लोगों के मरने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक जांच के लिए नमूना भेजा गया है. प्रशासन को रिपोर्ट का इंतजार है.
इस बीच, आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शराब की अवैध बिक्री और उत्पादन को लेकर कुल 90 मामले दर्ज किए गए हैं. उत्पाद शुल्क कानून के उल्लंघन की वजह से सभी केस दर्ज किए गए हैं. अधिकारी ने बताया, '22 फरवरी से अब तक 4,860 लीटर शराब जब्त कर उसे नष्ट किया गया है.' वहीं मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को जोरहाट मेडिकल कॉलेज का दौरा किया और बीमार लोगों के इलाज का जायजा लिया. उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और बीमार लोगों को 50 हजार रुपये की मदद देने की घोषणा की.
यह मामला गुवाहाटी से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित गोलाघाट के सालमोरा चाय बागान का है तो वहीं दूसरा मामला जोरहाट जिला के तीताबोर उपमंडल के दो सुदूर गांवों का है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चाय के बागान में गुरुवार रात कई लोगों ने एक ही दुकानदार से शराब खरीदकर पी थी. उनमें से कई तो तुरंत बीमार हो गए और कई लोगों को तो अस्पताल तक नहीं पहुंचाया जा सका.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. ये घटना सहारनपुर, रुड़की और कुशीनगर में हुई थी. सहारनपुर में 64, रुड़की में 26 और कुशीनगर में 8 लोगों की मौत हुई थी. उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार जहरीली शराब से मरने वालों में ज्यादातर वे लोग थे जो उत्तराखंड में एक तेरहवीं संस्कार में शरीक होने गए थे, जहां इन लोगों ने शराब पी थी. इन मौतों के बाद योगी सरकार ने अवैध शराब के खिलाफ पूरे प्रदेश में अभियान शुरू किया था और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था.