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सरकार ने जारी की असम NRC की फाइनल लिस्ट, कांग्रेस ने बुलाई बैठक

असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई है. इसमें 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों को नागरिक माना गया है. जबकि 19 लाख 6 हजार 657 लोगों को लिस्ट में जगह नहीं मिल पाई. इसके लिए कुल 3 करोड़ 30 लाख लोगों ने आवेदन किया था. एनआरसी के आंकड़े जारी होने के बाद कांग्रेस ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर बैठक हुई.

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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (फोटो-कांग्रेस ट्विटर)
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (फोटो-कांग्रेस ट्विटर)

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असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई है. इसमें 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों को नागरिक माना गया है. जबकि 19 लाख 6 हजार 657 लोगों को लिस्ट में जगह नहीं मिल पाई. इसके लिए कुल 3 करोड़ 30 लाख लोगों ने आवेदन किया था. एनआरसी के आंकड़े जारी होने के बाद कांग्रेस ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर बैठक हुई. कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी. लिहाजा बैठक में इसी को लेकर रणनीति भी बनाई जा सकती है. इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और गौरव गोगोई भी शामिल हैं.

जिन 19 लाख लोगों को एनआरसी लिस्ट में जगह नहीं मिली है, उनके लिए अब भी मौका है. इन लोगों को फॉरनर्स ट्रिब्यूलन में 120 दिनों में अपील करनी पड़ेगी. असम सरकार राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची से निकाले गए लोगों से संबंधित मामले देखने के लिए 400 फॉरनर्स ट्रिब्यूनल्स स्थापित करेगी.

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अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह राजनीति) कुमार संजय कृष्णा ने कहा कि ऐसे 200 ट्रिब्यूनल्स स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है और सूची से निकाले गए लोगों के हितों के लिए ऐसे 200 और ट्रिब्यूनल्स जल्द स्थापित किए जाएंगे. फॉरनर्स ट्रिब्यूनल अर्ध न्यायिक कोर्ट होते हैं, जो एनआरसी सूची से निकाले गए लोगों की अपील सुनते हैं.

कृष्णा ने कहा, "ये ट्रिब्यूनल याचिका दायर करने और सुनवाई को बिना किसी व्यवधान के सुनिश्चित करने के लिए सुविधाजनक स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे." उन्होंने कहा, "एनआरसी की अंतिम सूची से निकाले गए लोगों को तब तक हिरासत में नहीं लिया जा सकता, जब तक फॉरनर्स ट्रिब्यूनल अपना फैसला नहीं सुना देते.

ये लोग पहले फॉरनर्स ट्रिब्यूनल (एफटी) जा सकते हैं और एफटी के आदेश से संतुष्ट नहीं होने पर उच्च अदालत में याचिका दायर कर सकते हैं." उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी एनआरसी सूची से निकाले गए लोगों को जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के माध्यम से कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए सभी जरूरी बंदोबस्त करेगी.

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