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NRC का विरोध ममता को पड़ा महंगा, TMC के दो नेताओं ने छोड़ी पार्टी

असम के एनआरसी मुद्दे का विरोध करना टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को महंगा पड़ता नजर आ रहा है. एनआरसी के ड्राफ्ट में 40 लाख लोग अवैध पाए गए हैं. इनके पक्ष में खड़ी ममता बनर्जी की पार्टी में बगावत हो गई है.

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ममता बनर्जी
ममता बनर्जी

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असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) मसले पर विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में जुटी टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता की पार्टी में ही बगावत हो गई है. असम में टीएमसी के दो नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है.

टीएमसी छोड़ने वाले नेता दिगंत सैकिया और प्रदीप पचोनी ने कहा कि ममता बनर्जी को एनआरसी की वास्तविक सच्चाई पता नहीं है. बिना किसी जानकारी के उन्होंने एनआरसी की निंदा की है. दिगंत सैकिया ने कहा कि ममता बनर्जी जो कह रही हैं उसमें और असम की जमीनी सच्चाई में काफी अंतर है.

बता दें कि 30 जुलाई को असम में एनआरसी की दूसरा ड्राफ्ट जारी किया गया. इसके तहत 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों को वैध नागरिक माना गया. जबकि करीब 40 लाख लोग अवैध पाए गए हैं.

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ममता बनर्जी ने कहा था, 'हम ऐसा नहीं होने देंगे. बीजेपी लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इससे देश में गृहयुद्ध की स्थिति बन जाएगी, खूनखराबा होगा.'

ममता ने कहा एनआरसी के बहाने बीजेपी असम में वोट बैंक की राजनीति खेल रही है. एनआरसी में जिनके नाम नहीं आए हैं उनमें सभी बांग्लादेशी नहीं हैं. इसमें बंगाली और बिहारी भी है. 40 लाख से ज्यादा लोगों ने असम में रूलिंग पार्टी के लिए वोट किया था और आज अचानक अपने ही देश में उन्हें शरणार्थी बना दिया गया है. मैं अपनी मातृभूमि को ऐसी हालत में नहीं देखना चाहती, मैं मातृभूमि को बंटते हुए नहीं देखना चाहती.'

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