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असम: NRC में नाम ना होने पर शिक्षक ने की आत्महत्या, 'विदेशी' तमगे से था परेशान

असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन का मुद्दा अभी भी चरम पर है. अब एक बार फिर इसपर बहस जारी है. आज इसको लेकर राज्यव्यापी बंद भी बुलाया गया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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असम में कुछ समय पहले जारी की गई नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) लिस्ट का मुद्दा अभी तक शांत नहीं हुआ है. असम के दारंग जिले में NRC लिस्ट में नाम ना आने से परेशान एक रिटायर्ड शिक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. शिक्षक ने सोमवार को आत्महत्या की, जिसके बाद से ही इलाके में माहौल ठीक नहीं है.

अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि उनकी मौत का जिम्मेदार कोई नहीं है, लेकिन उन्होंने ये जरूर लिखा कि जब से एनआरसी लिस्ट जारी की गई है, उसके आखिरी ड्राफ्ट में उन्हें विदेशी की श्रेणी में डाल दिया गया था. जिससे वह परेशान थे.

रिटायर्ड शिक्षक की पहचान निरोद बरन दास के नाम से हुई है, इसी साल 30 जुलाई को उनके घर पर नोटिस आया जिसमें कहा गया कि उनका नाम NRC लिस्ट में नहीं है और उन्हें विदेशी होने का तमगा दे दिया गया.

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हालांकि, शिक्षक और स्थानीय लोगों ने लगातार इस बात की पुष्टि की वह यहीं का नागरिक है. सिर्फ किसी चूक के कारण ही उसका नाम लिस्ट से छूट गया है.

जिले के डिप्टी कमिश्नर अशोक कुमार का कहना है कि हम अभी इस मौत के पीछे का असली कारण जानने की कोशिश कर रहे हैं, क्या सच में उन्होंने एनआरसी मुद्दे को लेकर ही अपनी जान दी है.

आपको बता दें कि असम में एनआरसी का मुद्दा काफी गर्माता जा रहा है. इसी को लेकर आज (23 अक्टूबर) को कई संगठनों ने राज्यव्यापी बंद भी बुलाया है, जिसको लेकर प्रशासन मुस्तैद है. इस बंद को करीब 44 संगठनों का समर्थन प्राप्त है.

गौरतलब है कि 30 जुलाई को असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का फाइनल मसौदा जारी किया गया था. इसमें शामिल होने के लिए 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था, जिनमें से 2.89 करोड़ लोगों के नाम इस मसौदे में शामिल हुए.

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