असम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के आलोचकों को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जवाब दिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि एनआरसी कोई दस्तावेज नहीं है. यह 19 लाख या 40 लाख की बात नहीं है. यह भविष्य का दस्तावेज है. यह भविष्य का हमारा मूल दस्तावेज है, जिसके आधार पर लोग भविष्य के दावों को आधार बना सकते हैं.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि कुछ मीडिया संस्थानों की गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से स्थिति और खराब हो गई. कुछ हद तक अवैध प्रवासियों की संख्या का पता लगाने की तत्काल आवश्यकता थी, जो कि एनआरसी की मौजूदा कोशिश थी, न कम और न ज्यादा.
CJI Ranjan Gogoi: Irresponsible reporting by a few media outlets only worsened the situation. There was an urgent need to ascertain with some degree of certainty the number of illegal migrants, which is what the current exercise of NRC had attempted, nothing more nothing less. https://t.co/FlMUdOyEu9 pic.twitter.com/eFuc3Swvb9
— ANI (@ANI) November 3, 2019