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असम के गैस कुएं में भीषण आग, 12 रिलीफ कैंपों में भेजे गए 7 हजार लोग

गैस के कुएं में विस्फोट इतना तेज था कि आसपास के इलाकों के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. ओआईएल की ओर से कई हजार लोगों को राहत शिविरों में ले जाया गया है. गुवाहाटी से करीब 550 किलोमीटर दूर बागजन के कुंए में पिछले 14 दिनों से गैस के लीक होने के कारण आग लग गई है, जिससे आसपास के इलाकों में भारी नुकसान पहुंचा है.

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बागजन गैस कुएं में लगी भीषण आग (PTI)
बागजन गैस कुएं में लगी भीषण आग (PTI)

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  • आसपास के इलाके में कई घर क्षतिग्रस्त
  • पिछले दो हफ्ते से गैस कुएं से रिसाव जारी

असम के तिनसुकिया जिले में बागजन गैस कुएं में आग अभी बुझी नहीं है. खतरे को देखते हुए आसपास के लगभग 7 हजार लोगों को हटाया गया है और उन्हें 12 रिलीफ कैंपों में रखा गया है. पिछले 2 हफ्ते से गैस के कुएं में रिसाव हो रहा है, जिसके बाद मंगलवार को अचानक इसमें आग लग गई.

ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने बुधवार को कहा कि गैस कुएं से पैदा हुए संकट को कैसे खत्म करना है, इसके लिए 4 अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. इन टीमों में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. ओआईएल के मुताबिक, आग की इस घटना में बुधवार को 4 लोग जख्मी हुए हैं, हालांकि इसमें कोई गंभीर नहीं है. जख्मी होने वाले लोगों में 2 ओआईएल और एक ओएनजीसी के कर्मचारी हैं जबकि एक कॉन्ट्रैक्टर भी घायल है. इन सभी लोगों को घटना के तुरंत बाद हरसंभव मेडिकल सहायता दी गई है. इससे पहले कम से कम दो दमकलकर्मियों की मौत हो गई. कंपनी ने इनके परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है.

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14 दिन से गैस रिसाव

गैस के कुएं में विस्फोट इतना तेज था कि आसपास के इलाकों के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. ओआईएल की ओर से कई हजार लोगों को राहत शिविरों में ले जाया गया है. गुवाहाटी से करीब 550 किलोमीटर दूर बागजन के कुंए में पिछले 14 दिनों से गैस के लीक होने के कारण आग लग गई है, जिससे आसपास के इलाकों में भारी नुकसान पहुंचा है. यहां तक कि सिंगापुर की एक इमरजेंसी कंपनी अलर्ट की विशेषज्ञ टीम भी लीकेज को ठीक करने लिए मौके पर पहुंची है.

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12 रिलीफ कैंप में लोग शिफ्ट

घटना के बारे में ओआईएल ने एक बयान में कहा, आग लगने के बाद आसपास के लोगों को 12 रिलीफ कैंप में शिफ्ट किया गया है. इसमें जिला प्रशासन की मदद ली गई और लोगों के रहने और खाने-पीने का उचित बंदोबस्त किया गया है. तिनसुकिया के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर प्रणबजीत काकाती ने कहा कि रिलीफ कैंपों में तकरीबन 7 हजार लोग रखे गए हैं. इनमें 4 कैंप तो ऐसे हैं जिन्हें 27 मई को गैस रिसाव शुरू होते ही बना लिया गया था. काकाती ने कहा, आग लगने के तुरंत बाद हमने 2 रिलीफ कैंप की जगह बदली क्योंकि ये घटनास्थल से नजदीक थे. गैस रिसाव की आग ने मंगलवार को भीषण रूप ले लिया जिसके बाद हमने और बड़े स्तर पर एहतियात के कदम उठाए.

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पीएम मोदी ने दिया आश्वासन

इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बात की और हादसे के बारे में केंद्र की तरफ से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोनोवाल से टेलीफोन पर बागजन अग्नि हादसे पर चर्चा की. पीएमओ ने ट्वीट किया, "पीएम ने केंद्र की ओर से हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है. स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है." अर्धसैनिक बल, एनडीआरएफ, ओआईएल और ओएनजीसी के इंजीनियर और अन्य विशेषज्ञ आग बुझाने के प्रयास में लगे हैं.

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