एचआईवी और कैंसर जैसे रोगों से इंसान इतना डर जाते हैं कि इसके इलाज के लिए वो कुछ भी करते हैं. इन्हीं जानलेवा बीमारियों को अपनी जादुई दवा के जरिए ठीक करने का दावा करने वाले एक फर्जी डॉक्टर की संपत्ति स्पेशल कोर्ट ने जब्त कर ली है.
जांचकर्ता यह जानकर दंग रह गए कि मुंबई के मुनीर मोहम्मद अहमद खान ने सिर्फ दो महीने में ही डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की, और वो भी एक गैर मान्यता वाले इंस्टिट्यूट को सिर्फ 3,500 रुपए देकर. अलग-अलग एजेंसियों की जांच में पता लगा कि मुनीर अपनी दवाइयों के प्रचार के लिए टीवी शो में भी आता था. वह दावा करता था कि 'बॉडी रिवाइवल' नामक दवाई सभी लाइलाज रोगों में रामबाण है. टीवी पर इसकी दवाइयों के शो की ऐंकर बॉलिवुड ऐक्टर तबस्सुम थीं.
गौरतलब है कि मुनीर के खिलाफ 2009 में कुल 143 लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुंबई ब्रांच ने यह मामला अपने हाथ में ले लिया ताकि मुनीर और उसके परिजनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन ऐक्ट के तहत जांच की जा सके.
मुंबई पुलिस और ईडी की जांच से पता लगा कि खान कोई डॉक्टर नहीं था जैसा कि वह दावा करता रहा था. उसके पास नेचुरोपथी में डॉक्टर का एक सर्टिफिकेट था जिसे मुंबई के एक गैर मान्यता वाले इंस्टिट्यूट ने जारी किया था.
एडज्यूकेटिंग अथॉरिटी के कार्यवाहक अध्यक्ष के राममूर्ति ने अपने आदेश में डॉक्टर की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि पेश रिकॉर्डों के अनुसार खान और उसके सहयोगियों ने मरीजों के साथ धोड़ाधड़ी की और झूठे दावे किए. एडज्यूकेटिंग अथॉरिटी जुडिशल बॉडी है, जो ईडी द्वारा जारी जब्ती संबंधी आदेश की पुष्टि करता है.
एजेंसी ने इसी साल मार्च में खान और उनके संबंधियों के तीन फ्लैट जयपुर में जब्त कर लिए. इस मामले में 66 लोगों ने अपने बयान दिए और कहा कि खान की दवाइयों से उनके संबंधियों की हालत और खराब हो गई और कुछ मामले में तो मौत हो गई.