उद्योग मंडल एसोचैम ने नरेंद्र मोदी सरकार को उसके पहले साल के प्रदर्शन के लिए 10 में से सात नंबर दिए हैं. उद्योग मंडल का कहना है कि टैक्स से जुड़े मुद्दों को सुलझाने का काम अभी भी कुछ बाकी रह गया है, जबकि कारोबार में और भी सरलता लाने की जरूरत है.
एसोचैम ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान मुद्रास्फीति में कमी, मुद्रा में स्थिरता और आकषर्क वित्तीय बाजारों की वजह से देश की वृहद आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. चैंबर ने कहा, 'हालांकि, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को टैक्सेशन के मुद्दों पर अभी कुछ दूरी तय करनी है. खौस तौर से पिछली तारीख से देनदारियों को लेकर विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के समक्ष आ रही समस्याओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की बड़ी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में आ रही परेशानियों को दूर किए जाने की जरूरत है.'
इंडस्ट्री के मुताबिक कारोबार में सुगमता के मोर्चे पर भी सरकार को काफी कुछ करने की जरूरत है. एसोचैम ने कहा कि उद्योग और टिप्पणीकारों को समझना चाहिए कि दुनिया से जुड़ी 2,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था सिर्फ सरकार बदलने से ऊंची वृद्धि की राह पर नहीं जा सकती.
उद्योग मंडल ने कहा कि सरकार कितनी भी ईमानदार हो, नीति में बदलाव, विधायी बदलाव, निवेश बढ़ाने और उपभोक्ता मांग बढ़ाने के लिए कम से कम 24 से 30 महीने के समय की जरूरत होगी. एसोचैम ने कहा कि बहुत कुछ वैश्विक बाजारों पर निर्भर करेगा जो अभी काफी सुस्त है.
चैंबर ने कहा कि सरकार ने अच्छी शुरआत की है. हालांकि उसे वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) जैसे मुद्दों पर तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है जिससे भरोसे का नया संकेत दिया जा सके.
भाषा से इनपुट