एक बड़ा उल्कापिंड Asteroid 2012 DA14 पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. कंट्रोल रूम में बैठे वैज्ञानिक इस उल्कापिंड Asteroid 2012 DA14 पर एक बड़ी स्क्रीन के जरिए इसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं.
इस उल्कापिंड का पता शुक्रवार को एक स्पेस एजेंसी के कंट्रोल रुम में बैठे वैज्ञानिक के सामने तब आया जब आधे फुटबॉल के मैदान के आकार का उल्कापिंड Asteroid 2012 DA14 पृथ्वी के सामने से गुजरा.
...और कुछ ही घंटों के बाद अपनी युक्तियों की बदौलत वो इस उल्कापिंड के रास्ते को मोड़ने में कामयाब हो जायेंगे जिससे पृथ्वी इसके प्रलय से बच सके. जब इस उल्कापिंड Asteroid 2012 DA14 का पता चला तो स्पेस एजेंसी के कंट्रोल रुम में ये घटनाक्रम किसी साइंस-फिक्शन फिल्मों की तरह ही चल रहा था. अंतर सिर्फ इतना रहा कि वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से इसके टकराने की किसी भी संभावना से इंकार किया.
हालांकि यह बहुत नजदीकी मामला रहा. कोई उड़ता हुआ उल्कापिंड पृथ्वी से करीब 27,600 किलोमीटर तक नजदीक आ सकता है. अतः खगोलीय शब्दावली में यह बाल बाल बचने जैसा था क्योंकि हमारे कुछ संचार उपग्रह बस इससे कुछ ही ऊपर 36,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी का चक्कर काटते हैं.
इसरो के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘हमने उल्कापिंड Asteroid 2012 DA14 के रास्ते का विश्लेशण किया और यह सुनिश्चित भी किया कि हमारे उपग्रहों को कोई क्षति ना पहुंचे.’
ऐमचर एस्ट्रोनॉमी ग्रुप SPACE India के सी बी देवगन के मुताबिक, ‘इस उल्कापिंड को दिल्ली के आसमान में भी देखा जाएगा. जो 16 फरवरी की सुबह 1 से 2 बजे के बीच संभव है जब यह उल्कापिंड वर्गो तारामंडल के समीप रहेगा.’