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महाकुंभ में शुरू होगा बीजेपी का 'महामंथन', इलाहाबाद पहुंचेंगे राजनाथ सिंह

आखिर वो घड़ी आ गई है जिसकी चर्चा कई दिनों से थी, बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह बुधवार को कुंभ नगरी इलाहाबाद पहुंच रहे हैं. बीजेपी बार-बार संकेत दे चुकी है कि हिंदुत्व के रथ पर सवार होने से अब पार्टी को कोई नहीं रोक सकता.

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आखिर वो घड़ी आ गई है जिसकी चर्चा कई दिनों से थी, बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह बुधवार को कुंभ नगरी इलाहाबाद पहुंच रहे हैं. बीजेपी बार-बार संकेत दे चुकी है कि हिंदुत्व के रथ पर सवार होने से अब पार्टी को कोई नहीं रोक सकता.

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बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता कह चुके हैं कि पार्टी अपनी विचारधारा पर लौटेगी और खोई जमीन वापस हासिल करेगी. बीजेपी नेताओं ने पिछले कुछ दिनों से जिस बात को जबरदस्त हवा दी, उसे जल्द सच साबित करने में भी जुट जाएगी.

कुंभ नगरी इलाहाबाद में बुधवार से विश्व हिन्दू परिषद के मार्गदर्शन मंडल की बैठक शुरु हो रही है. और इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी मौजूद होंगे.

देश भर से आए वीएचपी से जुड़े करीब 300 साधु संत जब हिन्दुत्व और राम मंदिर का राग छेड़ रहे होंगे तो बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी वहां मौजूद होंगे. साधु समाज जब बीजेपी को हिंदुत्व और राम रथ पर सवार होने की नसीहत दे रहा होगा तो बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ध्यान से वो बातें सुन रहे होंगे.

वरिष्ठ वीएचपी नेता अशोक सिंघल पहले ही कह चुके हैं कि बीजेपी को अगर खोई जमीन हासिल करनी है, आगामी लोकसभा चुनाव में 300 सीटें हासिल करनी है तो राम नाम की जप करनी ही होगी.

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मतलब साफ है कुंभ में हो रही विश्व हिंदू परिषद की महामंथन बैठक का जितना सरोकार देश के साधु समाज से है, उससे कहीं ज्यादा सरोकार देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी और उसके भविष्य से है.

वीएचपी की बुधवार की मार्गदर्शन मंडल की बैठक में न सिर्फ हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने और राम मंदिर के मसले को फिर से जगाने पर मंथन होगा. बल्कि उस बड़े ऐलान के लिए भी जमीन तैयार की जाएगी, जिस वजह से वीएचपी के धर्मसंसद की चर्चा देश में कई दिनों से है.

जो बात वीएचपी नेता खुलकर कहते हैं, वही बात बीजेपी नेता भी इशारों में कह चुके हैं. मतलब समझना मुश्किल नहीं कि बीजेपी को अब हिंदुत्व और राम रथ के अलावा कुछ नजर नहीं आता.

देश को इंतजार तो अब इस बात का है कि कुंभ मंथन और धर्मसंसद के बहाने बीजेपी जैसा लबादा ओढ़कर सामने आएगी, उसका रंग कैसा होगा और वो कैसे चुनावों में रंग दिखाएगा.

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