दिल्ली में शनिवार को शुरू हुई 2 दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद पहली बार हो रही है. बैठक के इस आयोजन को अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए इसे पूरी तरीके से अटलमय बनाया गया है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मुख्य द्वार और बाहर चारों ओर वाजपेयी की फोटो, होर्डिंग्स और बैनर लगाए गए हैं, जहां पर लिखा है भारत रत्न सदैव अटल.
बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने भी कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक है. बेशक सेहत ठीक नहीं होने की वजह से अटल बिहारी वाजपेयी पिछले कई साल से राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शिरकत नहीं कर पा रहे थे. लेकिन बैठक में उनकी उपस्थिति का एहसास सबको रहता था. अब उनका निधन हो चुका है और यह पहली बैठक है. इसलिए बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी जाएगी और पूरी तरीके से बैठक अटलमय में होगी.
समरसता का संदेश देने की कोशिश
यह बैठक अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हो रही है. माना यह जा रहा है कि बीजेपी इस सेंटर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के जरिये एक संदेश देना चाहती है. वह संदेश यह है कि बीजेपी सामाजिक समरसता को मानने वाली पार्टी है जिसमें केवल एक ही वर्ग समुदाय के लोग नहीं हैं बल्कि तमाम तबकों के सदस्य इससे जुड़े हुए हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सुबह आते ही डॉ अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण इस संदेश को और मजबूत कर दिया.
अमित शाह ने कहा कि एससी/एसटी एक्ट को लेकर सवर्ण समुदाय के लोग सड़कों पर हैं, वह पार्टी के लिए थोड़ी चिंता की बात है, लेकिन पार्टी की कोशिश यही है 2019 के चुनाव को देखते हुए बीजेपी के साथ अब तमाम तबकों के लोग जुड़ें चाहे वह दलित हों या पिछड़ा वर्ग के लोग हों.