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...जब वाजपेयी ने मोदी से कहा था- अब तुम दिल्ली छोड़ दो!

आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को एम्स में निधन हो गया था. उनके निधन से पूरे देश में शोक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्लॉग लिखकर वाजपेयी को याद किया है.

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

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बीजेपी को सत्ता के शून्य से शिखर तक पहुंचाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पार्टी में नेताओं की पूरी एक पीढ़ी तैयार की. यही कारण है कि आज बीजेपी केंद्र के साथ-साथ 20 से अधिक राज्यों में सत्ता में है. प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से हर बड़े मौके पर और अपने भाषणों में नरेंद्र मोदी कभी अटल बिहारी वाजपेयी को याद करना नहीं भूलते.

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दरअसल, दोनों नेताओं का पुराना गहरा नाता भी रहा है. वो अटल बिहारी वाजपेयी ही थे, जिनके फैसले से नरेंद्र मोदी आज सत्ता के शिखर तक का रास्ता तय कर पाने में सफल हुए हैं. गुजरात में 1995 के चुनाव में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई.

शंकर सिंह वाघेला और नरेंद्र मोदी को दरकिनार कर केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद नरेंद्र मोदी को पार्टी का कामकाज देखने के लिए दिल्ली बुला लिया गया.

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1998 में गुजरात में मध्यावधि चुनाव हुए और एक बार फिर बीजेपी की सत्ता में वापसी हो गई. लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने मोदी को अभी भी दिल्ली में ही जोड़े रखा और केशुभाई पटेल को फिर से सीएम की जिम्मेदारी दी गई.

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इसके बाद 26 जनवरी 2001 को भूकंप ने गुजरात को हिला कर रख दिया. भूकंप से बड़ा नुकसान हुआ और तत्कालीन राज्य सरकार हालात संभालने में विफल नजर आई. लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी देखने को मिली. जिसका नमूना 2001 में हुए विधानसभा उपचुनाव में दिखाई दिया. इस दौरान पार्टी की राज्य इकाई में केशुभाई पटेल के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे. उपचुनाव की हार ने भी माहौल केशुभाई के खिलाफ कर दिया. नतीजतन, केशुभाई ने सेहत का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा दे दिया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2001 में नरेंद्र मोदी दिल्ली में एक अंतिम संस्कार में गए थे. उसी वक्त उनके पास प्रधानमंत्री निवास से फोन आया और आकर मिलने के लिए कहा गया.

तब अटल बिहारी वाजपेयी ने मोदी से कहा कि वह दिल्ली छोड़ दें और यहां से चले जाएं. तब मोदी ने पूछा कि इसका क्या मतलब है. तब बाद में मोदी को वाजपेयी की पूरी बात समझाई गई. जिसमें उन्हें बताया गया कि वाजपेयी उन्हें (मोदी) गुजरात का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, इसलिए उन्हें दिल्ली छोड़ गुजरात जाने के लिए कह रहे हैं.

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बता दें कि तब केंद्र में एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. उस दिन वाजपेयी से मुलाकात के बाद नरेंद्र मोदी गुजरात में मुख्यमंत्री बनने के लिए रवाना हो गए. जिसके बाद 2002, 2007 और 2012 में भी वह गुजरात के सीएम बने और 2014 में देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने का मौका मिला.

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