देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को 27 मार्च को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया जाएगा. दिल्ली के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित वाजपेयी के निवास पर उन्हें यह सम्मान प्रदान किया जाएगा जहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत अन्य गणमान्य लोगों के उपस्थित रहने की संभावना है.
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वाजपेयी के 90 साल के होने के एक दिन पहले उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा 24 दिसम्बर को की गई थी. पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले वाजपेयी कांग्रेस से बाहर के पहले प्रधानमंत्री हैं.
वाजपेयी 1998 से 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे और उम्र से जुड़ी बीमारियों के चलते वह इन दिनों सार्वजनिक जीवन से दूर हैं. एक राजनेता के रूप में वाजपेयी की सराहना की जाती है और अक्सर उनका जिक्र बीजेपी के एक उदारवादी चेहरे के रूप में होता है.
प्रसिद्ध शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी मदन मोहन मालवीय को भी भारत रत्न (मरणोपरांत) देने की घोषणा हुई है और 30 मार्च को राष्ट्रपति भवन में मालवीय जी के परिवार को यह प्रदान किया जाएगा.
शिक्षाविद् मदन मोहन मालवीय ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. 25 दिसम्बर 1861 को जन्मे मालवीय कोलकता में 1886 में हुए दूसरे कांग्रेस सम्मेलन में दिये गये अपने भाषण के तुरंत बाद राजनीतिक फलक पर आए थे. वह 1909 और 1918 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे.
मालवीय जी को स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी उत्कृष्ट भूमिका और हिन्दू राष्ट्रवाद के उनके समर्थन के लिए भी याद किया जाता है. वह हिन्दू महासभा के शुरुआती नेताओं में से एक थे. 2013 में जब यूपीए सरकार ने क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और वैज्ञानिक सीएनआर राव को भारत रत्न देने की घोषणा की थी तो बीजेपी ने राष्ट्र के प्रति वाजपेयी के योगदान को नजरअंदाज करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की थी.
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, लाल बाहदुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के अलावा सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर सहित 43 लोगों को अब तक भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है.
बाद में राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 27 मार्च को वाजपेयी को उनके निवास पर भारत रत्न प्रदान प्रदान करेंगे. विज्ञप्ति के मुताबिक राष्ट्रपति 30 मार्च को राष्ट्रपति भवन में पदम पुरस्कारों के लिए आयोजित अलंकरण समारोह के साथ मदन मोहन मालवीय को (मरणोपरांत) भारत रत्न प्रदान करेंगे.
इनपुट-भाषा