कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि वह अपने सहयोगियों को ‘सांप्रदायिक ध्रुवीकरण’ के लिए ‘भय और दबाव’ का माहौल पैदा करने की इजाजत देकर ‘खतरनाक दोहरा खेल’ खेल रही है.
उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह कल्याणकारी राज्य ढांचे को ध्वस्त करने के ‘सुनियोजित प्रयास’ कर रही है. सोनिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे भूमि बिल और खाद्य सुरक्षा कानून पर सरकार के कदमों का ‘मजबूती से विरोध’ करें.
उन्होंने कहा, ‘एक तरफ प्रधानमंत्री खुद को सुशासन और संवैधानिक मूल्यों के बड़े पैरोकार के रूप में पेश करना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ वह अपने कई सहकर्मियों को घिनौनी बयानों और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की इजाजत देते हैं.'
कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के एकदिवसीय सम्मेलन, जो पिछले साल लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद पहला सम्मेलन है, के अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने कहा, ‘यह पहले ही हमारे धर्मनिरपेक्ष ताने बाने को नष्ट कर चुका है. डर और दबाव का माहौल जानबूझकर पैदा किया गया है.’
सोनिया ने कहा, ‘वास्तविकता और शैली दोनों का एक और पहलू है जिसका मुझे जिक्र करना चाहिए और यह खेले जा रहे खतरनाक दोहरे खेल से जुड़ा है.’ उन्होंने कहा, ‘वास्तविकता के संदर्भ में, कांग्रेस सरकारों की ओर से दशकों में निर्मित कल्याणकारी राज्य संरचना को ध्वस्त किए जाने के सुनियोजित प्रयास किए जा रहे हैं.’
कांग्रेस शासित राज्यों को पैसा नहीं दे रहा केंद्र: राहुल
उधर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनकी पार्टी द्वारा शासित राज्यों को वादे के मुताबिक धन नहीं दे रही है. राहुल ने कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद मीडिया से कहा, 'मुख्यमंत्रियों ने कहा कि मोदी सरकार धन के वादे तो कर रही है, लेकिन उसे दे नहीं रही है. वे (केंद्र सरकार) एक हाथ से धन दे रहे हैं और दूसरे से वापस ले रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों से कहा गया है कि वे गरीबों के लिए काम करें ताकि केंद्र सरकार की ओर से छोड़ी गई खाई पाटी जा सके.
राहुल ने कहा, 'केंद्र सरकार गरीबों और किसानों को भूल गई है. मैंने अपने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे केंद्र सरकार द्वारा छोड़ी गई खाई को पाटने का काम करें. गरीबों पर ध्यान केंद्रित करें.'