भारतीय संविधान में सुसाइड को क्राइम की श्रेणी में रखा जाता है लेकिन जल्द ही ऐसा होने वाला है कि इसे अपराध की श्रेणी से हटा दिया जाएगा. विधि आयोग की सिफारिश पर मोदी सरकार ने इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा 309 (आत्महत्या की कोशिश) को खत्म करने का फैसला किया है.
309 के तहत सुसाइड की कोशिश पर एक साल की सजा या जुर्माने का प्रावधान है. बुधवार को संसद में इसकी जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि 18 राज्य और 4 केंद्र शासित क्षेत्र धारा 309 को खत्म करने के पक्ष में हैं.
गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि राज्यों की राय पर केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि इस धारा को आईपीसी से हटा दिया जाए. लोकसभा में अगस्त में गृह राज्यमंत्री किरन रिजुजु ने कहा था, 'विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आत्महत्या की कोशिश को मानवीय आधार पर विचार करने और इसके अपराध की श्रेणी से बाहर रखने की जरूरत है.'