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कपड़े से नहीं जज्बे से होता है काम

जानिए एक ऐसी लड़की की कहानी जिसने लाख विरोधों के बावजूद भी अपने लिए एक दुनिया बना ही ली.

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College Students
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बिहार में जैसे ही लड़कियां 16 साल पार करती हैं, माता-पिता युद्ध स्तर पर योग्य वर खोजनें में लग जाते हैं. घर में जो भी चाचा, फूफा, मौसा मौसा जी आते हैं मम्मी-पापा उनसे योग्य वर बताने को कहते हैं. रिश्तेदार कहते हैं कि लड़कियों की अच्छी तस्वीर खींचवाकर भिजवा दो. इसी सिलसिले में फोटो में गोरी चिट्टी दिखने के लिए शुरू होता है स्टूडियो दर स्टूडिया का चक्कर और फोटोशॉप का खेल. अगर आप उन तस्वीरों को देखें और वाकई में लड़की देखें तो यकीन न मानेंगे कि वे दोनों अलग-अलग नहीं बल्कि एक ही है.

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ऐसी ही कुछ हालत मेरी दोस्त की भी थी. कई स्टूडियो के चक्कर मारने के बावजूद भी कोई भी अच्छी तस्वीर नहीं आ पाई. स्टूडियो वाले अपनी तरफ से जितना फोटो को अच्छा करने की कोशिश करते थे, वह उतना ही बुरा हो जाता था. एक दिन उसके घर पर अचानक से एक रिश्तेदार आए और कहा 'कोई पुरानी तस्वीर हो वही दे दो. आज लड़के वाले के घर जाना है तो फोटो दे दो.' मेरी दोस्त ने अपने कॉलेज की जीन्स और टीशर्ट वाली पुरानी तस्वीर दे दी.

एक महीने बाद जब वही रिश्तेदार वापस आए तो उन्होंने मेरी दोस्त को डांटना शुरू किया. 'अरे तुम्हारे पास दिमाग नहीं है, भला लड़कों के घर कोई ऐसी तस्वीर भि‍जवाता है. रिश्ता होने से पहले ही टूट गया. लड़के के पिता जी ने कहा कि हमें तो ऐसी बहू चाहिए जो घर में रहे ना कि जीन्स पहनकर इधर-उधर मटकती रहे. लड़के की मां ने तो यहां तक कह दिया कि लड़की के माता-पिता ने कोई संस्कार दिए भी हैं या नहीं.'

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रिश्तेदार को तो जो कहना था, कहकर चले गए. घर में थोड़ी गुस्से नाराजगी के बाद मामला शांत हो गया. लेकिन यह यहीं नहीं रूकने वाला था. हम 12वीं में साइंस के स्टूडेंट थे, कॉलेज में जब फिजिक्स की क्लास चल रही होती थी, उस समय आर्ट्स फैकल्टी की बिल्डिंग से म्यूजिक की आवाज आती थी. मुझे और मेरी दोस्त दोनों को ही म्यूजिक काफी पसंद था. हमने म्यूजिक टीचर से मिलने का फैसला किया. एक दिन हम उस डिपार्टमेंट गए और सर को अपनी इच्छा बताई. सर ने हम लोगों को पहले देखा और कहा कि इन कपड़ों में म्यूजिक सीखोगी. मैं और मेरी दोस्त दोनों अचंभित! समझ ही नहीं पा रहे थे कि हुआ क्या है! कपड़े तो हमने अच्छे पहन रखे हैं. उन्होंने हमारा चेहरा भांपते हुए कहा कि म्यूजिक सीखने के लिए वेस्टर्न नहीं, इंडियन कपड़ों की जरूरत होती है. मुझे उनकी बात सुनकर हंसी आ गई थी लेकिन मेरी दोस्त सीरियस थी और उसने जवाब भी दे दिया कि अगर म्यूजिक सिर्फ इंडियन कपड़े पहनकर सीखा जा सकता तो भारत में हर घर में एक लता मंगेशकर होती.

मेरी दोस्त शायद उस दिन के वाकये को यूं ही जाने नहीं दिया. उन दोनों घटनाओं से पहले वह किसी चीज को लेकर जिद नहीं करती थी. लेकिन उसी दिन जैसे उसने सोच लिया था कि वह अपनी पसंद के लड़के के साथ शादी करेगी, जीन्स भी पहनेगी और म्यूजिक भी सीख कर ही रहेगी. परिवार के लाख विरोध के बावजूद वह अपनी बात से हटी नहीं. फिलहाल वह एक रिसर्च स्टूडेंट है. उसके कपड़ों से न तो उसकी पढ़ाई और न ही उसके म्यूजिक सीखने के जज्बे पर कोई असर हुआ.

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