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अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने मोदी सरकार से कहा- दूसरा कार्यकाल नहीं चाहिए

रोहतगी ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने सरकार को पत्र लिखकर सूचित किया था कि वह अटॉर्नी जनरल के पद पर पुन: नियुक्ति नहीं चाहते और अपनी निजी प्रैक्टिस शुरू करने की इच्छा रखते हैं.

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अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी

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अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सरकार को सूचित किया है कि इस पद पर उनकी दोबारा नियुक्ति पर विचार नहीं किया जाए. उनका तीन वर्ष का कार्यकाल 19 जून को खत्म होने जा रहा है.

रोहतगी ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने सरकार को पत्र लिखकर सूचित किया था कि वह अटॉर्नी जनरल के पद पर पुन: नियुक्ति नहीं चाहते और अपनी निजी प्रैक्टिस शुरू करने की इच्छा रखते हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस माह की शुरूआत में उन्हें आगामी आदेश तक अस्थायी विस्तार दिया था, ऐसा तब किया गया था जब प्रधानमंत्री रूस के दौरे पर गए हुए थे. उन्होंने कहा, 'इसलिए अब सरकार को मेरे फैसले पर कोई निर्णय लेना होगा.'

रोहतगी ने कहा कि सरकार के साथ उनके अच्छे संबंध हैं और जब भी जरूरत पड़ेगी वे मदद के लिए आ जाएंगे. उन्होंने बताया कि मई 2014 में सत्ता में आने के बाद उनकी नियुक्ति नरेंद्र मोदी सरकार ने की थी और उन्होंने अपना तीन वर्ष का कार्यकाल संतोषजनक तरीके से पूरा किया. रोहतगी ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि शीर्ष विधि पद के लिए यह अवधि पर्याप्त है और वे नहीं चाहते कि उनकी पुन: नियुक्ति पर विचार हो.

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उन्होंने कहा, 'मैंने पिछले महीने ही सरकार को सूचित कर दिया था कि मैं पुन: नियुक्ति नहीं चाहता हूं. मेरा मानना है कि तीन वर्ष की अवधि पर्याप्त है और मैंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के साथ भी पांच वर्षों तक काम किया. अब मैं प्राइवेट प्रैक्टिस फिर से शुरू करना चाहता हूं.'

अटॉर्नी जनरल ने साफ किया कि पुन: नियुक्ति नहीं चाहने संबंधी उनके फैसले के बारे में सूचित करने वाले पत्र को उनका इस्तीफा ना माना जाए क्योंकि उनका कार्यकाल खत्म होने वाला है. उन्होंने कहा, 'मैं जब तक जीवित रहूंगा तब तक सरकार की मदद के लिए तैयार हूं.'

रोहतगी से पूछा गया कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सेवा में बने रहने पर जोर देंगे तो उनका रूख क्या होगा? इस पर उन्होंने कहा, 'जब ऐसा होगा, तब देखा जाएगा.'

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