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अफसर से बातचीत में ठेकेदार ने 17 बार दिखाई 'भइया' रिजिजू की धौंस

रिजिजू ने अपनी बचाव करते हुए कहा कि गोबोई रिजीजू (प्रोजेक्‍ट के सब-कॉन्‍ट्रैक्‍टर) उनके चचेरे भाई नहीं है. उन्‍होंने कहा कि वह कबीले का हिस्‍सा हैं और उसी गांव से आते हैं, जहां से मैं हूं. वह मेरे रिश्‍तेदार नहीं हैं.

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किरण रिजिजू
किरण रिजिजू

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अरुणाचल प्रदेश में एक बड़े हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए बनने वाले 2 बांध में 450 करोड़ रुपए के घोटाले में नाम आने के बाद से ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू सवालों के घेरे में आ गए हैं. सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियों के चीफ विजिलेंस अफसर सतीश वर्मा ने रिजिजू के साथ उनके चचेरे भाई और ठेकेदार गोबोई रिजिजू, जो कि नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं पर भी सवाल उठाए हैं.

हालांकि रिजिजू ने अपनी बचाव करते हुए कहा कि गोबोई रिजीजू (प्रोजेक्‍ट के सब-कॉन्‍ट्रैक्‍टर) उनके चचेरे भाई नहीं है. उन्‍होंने कहा कि वह कबीले का हिस्‍सा हैं और उसी गांव से आते हैं, जहां से मैं हूं. वह मेरे रिश्‍तेदार नहीं हैं.

'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक गोबोई रिजिजू और नीपको मुख्य सतर्कता अधिकारी सतीश वर्मा के बीच हुई बातचीत दोनों के संबंधों को ज्यादा उजागर करती है. दिसंबर 2015 में 29 मिनट हुई बातचीच में गोबोई ने 17 बार किरण रिजिजू को 'भइया' कहकर बुलाया है. भगुतान को लेकर ये बातचीत की गई है. वर्मा ने अपनी रिपोर्ट के साथ इस ऑडियो क्लीप को अटैच किया है.

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बातचीत के दौरान गोबोई ने साफ कहा कि मैं किरण रिजिजू का भाई हूं. गोबोई ने किरण रिजिजू का नाम लेकर नीपको कंपनी से भुगतान करने को कहा. बातचीच के दौरान कहा गया कि काम कर रहे ठेकेदारों के 30 से 1 करोड़ तक का भुगतान बाकी है. गोबोई ने कहा कि सब लोग भईया से मिलने के लिए दिल्ली भी गए. 15-20 काम भी बंद किया गया, जिसे किरण रिजिजू के कहने पर फिर से शुरू किया गया. बातचीत के दौरान गोबोई ने वर्मा से ये भी कहा कि अगर प्रमोशन में भईया की कोई भी मदद चाहिए तो हमसे बोलिए.

रिजिजू की सफाई
इस मसले पर रिजिजू ने कहा कि 2014 में सांसद बनने के बाद कुछ ग्रामीणों ने उनसे लंबित भुगतान को लेकर संपर्क किया और कहा कि वे छोटे ठेकेदार हैं. उन्हें बताया गया कि परियोजना का 20-30 प्रतिशत भुगतान अटका है. इस पर उन्होंने मामले पर गौर करने के लिए ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा.

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