ऑस्ट्रेलिया सरकार ने पिछले साल भारतीयों पर हुए हमलों के संबंध में एक दस्तावेज भारत को सौंपा है जिनसे पता चलता है कि करीब आधे हमलावर 18 साल से कम उम्र के थे.
विक्टोरिया पुलिस द्वारा तैयार किए गए इस दस्तावेज को कुछ सप्ताह पहले भारत को सौंपा गया है. इससे पूर्व विदेश मंत्री स्टीफन स्मिथ ने अपने भारतीय समकक्ष एस एम कृष्णा से 11 जनवरी को फोन पर बात कर भारतीय छात्र नितिन गर्ग की याराविले में हुई हत्या पर अपनी संवेदना जतायी थी.
दस्तावेज से पता चलता है कि मार्च 2009 और गर्ग की हत्या के तीन दिन बाद पांच जनवरी के बीच गिरफ्तार किए गए करीब आधे लोग 18 साल से कम उम्र के थे.’’ इस दस्तावेज से यह भी पता चलता है कि भारतीय समुदाय के लोगों के खिलाफ बेहद सनसनीखेज 18 मामलों में हमले के दो मामले पिछले वर्ष मई और जून में हुए और उन्हें अब तक नहीं सुलझाया गया है.
सूत्रों ने बताया कि आस्ट्रेलियाई सरकार शुरूआत में भारतीयों को अधिक जानकारी उपलब्ध कराए जाने से परहेज कर रही थी क्योंकि इन हमलों में नस्लीयता का दृष्टिकोण सीमित संकेत था और यह पुलिस के आकलन मात्र पर आधारित था.
दस्तावेज में यह भी दावा किया गया है कि भारतीयों के रूप में परिभाषित किए गए लोग मारीशस और फीजी जैसे देशों के भी हो सकते हैं. दस्तावेज कहता है कि 18 मामलों में से दो लोग ट्रेन के नीचे कुचले गए और इसमें किसी प्रकार के संदेह की गुंजाइश नहीं थी जबकि तीन मामले अनसुलझे रहे जबकि बाकी 13 मामलों में 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
पिछले साल भारतीयों के खिलाफ किए गए हमलों में शामिल 18 हमलावरों में से मार्च में एक रेलवे स्टेशन पर दो भारतीयों पर हमला करने वाले और उन्हें लूटने वाले चार युवक भी शामिल हैं. इसके अलावा मई में एक ट्रेन में भारतीय छात्र सौरभ शर्मा पर हमला करने के मामले में भी चार युवक ही शामिल हैं. नवंबर में फुटस्क्रे में दो लोगों ने एक भारतीय व्यक्ति से धन की मांग की और उन्हें केवल 20 सेंट देने पर दोनों ने उसे मारा और उस पर 14 बार चाकुओं से प्रहार किए गए. इन दो हमलावरों में भी एक युवक था.
स्मिथ इस समय बोत्स्वाना में है और विक्टोरिया पुलिस की ओर से कोई टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं था.यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब कल ही पुलिस ने सोमवार की रात को दो भारतीय छात्रों पर नस्लीय हमले के लिए पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.