एक आस्ट्रेलियाई न्यायाधीश ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में गवाही देने के लिए अदालत में उपस्थित हुई एक मुस्लिम महिला को उसकी गवाही के दौरान बुर्का पहनने की इजाजत नहीं दी.
समाचार पत्र 'द एज' के मुताबिक पर्थ जिला अदालत की न्यायाधीश शॉना डीएनी ने कहा कि निष्पक्ष सुनवाई के लिए गवाह को नकाब या बुर्का पहनने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए लेकिन उन्होंने कहा कि वह गवाह को इसके लिए तैयार करने के तरीकों पर वकील से बात करेंगी.
न्यायाधीश इस दलील से सहमत नहीं थीं कि मामले से इस गवाह का बहुत ज्यादा संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि ज्यूरी को एक गवाह के रूप में उसकी विश्वसनीयता जांचने में मदद के लिए उसके चेहरे के भावों का आंकलन करने का अवसर मिलना चाहिए.
छत्तीस वर्षीय गवाह तसनीम एक मुस्लिम स्कूल के निदेशक अनवर सईद के धोखाधड़ी से जुड़े मामले में गवाही के दौरान एक पूरा बुर्का पहनना चाहती थीं.
सईद पर पर्थ स्थित मुस्लिम लेडीज कॉलेज में कृत्रिम रूप से छात्रों की संख्या बढ़ाकर 750,000 डॉलर का सार्वजनिक कोष चुराने का आरोप है.
न्यायाधीश का कहना है कि उनका फैसला अन्य अदालतों के लिए मिसाल तय नहीं करता है और दूसरी अदालतों को अपने मामलों के आधार पर इस तरह की स्थितियों का आंकलन करना चाहिए.