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झुग्ग‍ियों में अब 'दीया और बाती' की जगह ऑस्ट्रेलियाई सोलर लैंप

ऑस्ट्रेलिया की सौर कंपनी 'पॉलिनेट एनर्जी' भारत के गरीब क्षेत्रों में घातक वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सौर लालटेनों की बिक्री कर रही है. कंपनी की छोटे सौर लालटेनों ने अब देश के 8,000 घरों में किरोसिन लालटेन की जगह ले ली है.

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Symbolic Image
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ऑस्ट्रेलिया की सौर कंपनी 'पॉलिनेट एनर्जी' भारत के गरीब क्षेत्रों में घातक वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सौर लालटेनों की बिक्री कर रही है. कंपनी की छोटे सौर लालटेनों ने अब देश के 8,000 घरों में किरोसिन लालटेन की जगह ले ली है.

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कंपनी के मुताबिक, किरोसिन लालटेन और स्टोव से होने वाला अंदरूनी वायु प्रदूषण भारत में लोगों की मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण है. कंपनी ने इन सौर लालटेनों की बिक्री के लिए स्थानीय नागरिकों को नियुक्त किया है. इन लालटेनों की कीमत लगभग 30 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर, यानी 23 डॉलर है.

कंपनी ग्राहकों को किश्तों में भी भुगतान करने का विकल्प दे रही है. कंपनी ने बेंगलुरु में 7,000 से अधिक लालटेन बेचे हैं और यह दो अन्य भारतीय शहरों में भी अपना कारोबार बढ़ा रही है.

कंपनी के सहसंस्थापक कैट किमरली ने कहा, 'हमने भारत में बेंगलुरु के साथ अपने कारोबार की शुरुआत की. बेंगलुरु 100 साल पहले बिजली से युक्त पहला शहर था और अभी भी बेंगलुरु का सिर्फ 70 से 80 प्रतिशत हिस्से में ही बिजली है.'

किमरली ने कहा, 'हमने लोगों को रोशनी दी है. स्कूल जाने वाले बच्चों और शाम के समय घर पर काम करने वाली माताओं को रोशनी दी गई है.' इस कंपनी की स्थापना पांच ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों ने की थी.

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इनपुट: IANS

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