बस कुछ और दिनों की बात है.राजकोट के मेयर के बंगले के बाहर गजब नजारा होगा. दरवाजे पर संतरी होंगे. एक गाड़ी निकलेगी नगर निगम जाने के लिए. उसमें मेयर सवार होंगी. संतरी शहर की प्रथम नागरिक को सैल्यूट करेगा. फिर उसी बंगले से एक ऑटो निकलेगा. संतरी इसके ड्राइवर को भी सैल्यूट करेगा क्योंकि ये मेयर साहिबा के पति हैं. उनकी रोजी रोटी है ऑटो चलाना.
ये परी कथा सा किस्सा मुमकिन हुआ है रक्षा बेन नाम की बीजेपी कार्यकर्ता को बतौर मेयर चुने जाने के बाद. रक्षा और उनके पति रघुभाई नारंगभाई बोलिया पिछले तीन दशकों से पार्टी के साथ जुड़े हैं. हाल में स्थानीय निकाय चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी ने रक्षा के नाम को बतौर मेयर अनुमति दे दी. राजकोट की नई मेयर इस गौरव को पार्टी के समानता के सिद्धांत से जोड़ती हैं. उनके मुताबिक नरेंद्र मोदी ने दिखा दिया कि बीजेपी में अमीर और गरीब के बीच कोई फर्क नहीं होता. हमारे जैसे मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को उनके काम की पहचान मिली है. रक्षा के पति भी इस मौके पर पार्टी का गुणगान करते हैं.
रक्षा और रघु की 1995 में शादी हुई. अब तक वे दो कमरों वाले मकान में रहते थे. मगर जल्द ही परिवार मेयर बंगले में शिफ्ट कर जाएगा. रक्षा को इस्तेमाल के लिए सरकारी गाड़ी मिलेगी. उधर रघु घर चलाने के लिए ऑटो चलाते रहेंगे.