scorecardresearch
 

रेलवे के एसी कोच में लगाया जाएगा ऑटोमेटिक डोर

यात्रियों की सुरक्षा बढाने और चलती ट्रेनों में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के मकसद से मेट्रो की तर्ज पर रेलवे कुछ ट्रेनों की एसी कोच में स्वचालित दरवाजे लगाने पर विचार कर रहा है.

Advertisement
X
राजधानी एक्सप्रेस
राजधानी एक्सप्रेस

यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और चलती ट्रेनों में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के मकसद से मेट्रो की तर्ज पर रेलवे कुछ ट्रेनों की एसी कोच में स्वचालित दरवाजे लगाने पर विचार कर रहा है.

Advertisement

नयी प्रणाली ड्राइवर अथवा गार्ड के केबिन से नियंत्रित होगी और जब ट्रेन स्टेशन पर आएगी तो सभी दरवाजे स्वचालित तौर पर खुलेंगे और जब रवाना होगी तो ये बंद हो जायेंगे. फिलहाल, ट्रेनों के दरवाजे हाथों से खोले और बंद किये जाते हैं.

रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,‘इस स्वचालित प्रणाली में जब तक सभी दरवाजे बंद नहीं होंगे, ट्रेन आगे नहीं बढ़ेगी. ड्राइवर और गार्ड अपने कैबिन से इसे नियंत्रित करेंगे.’ट्रेनों में यह स्वचालित प्रणाली शुरू करने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए रेलवे बोर्ड ने पिछले सप्ताह एक बैठक की.

अधिकारी ने कहा, ‘आरडीएसओ (अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन) पायलट प्रोजेक्ट के तहत कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्टरी में 20 एसी कोच के रेक में इस प्रणाली पर काम कर रहा है.’ बहरहाल, अधिकारी ने कहा,‘इस प्रणाली से रैक को लैस करने से पहले ट्रायल के तौर पर दिल्ली डिवीजन में एक गैर एसी कोच में ऑटोमेटिक क्लोजिंग डोर सिस्टम शुरू किया जाएगा.’

Advertisement

अधिकारी के मुताबिक, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रेलवे को यात्री डिब्बों में स्वचालित दरवाजे लगाने का निर्देश दिया था, जिससे कि चलती ट्रेन से यात्री नीचे नहीं गिरे. रेलवे ने आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन शीर्ष न्यायालय ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था.

Advertisement
Advertisement