आसमान में हिंदुस्तान की बेटियां शनिवार को इतिहास रच दिया है. देश की तीन अफसर बेटियां पहली बार वायुसेना में बतौर फाइटर प्लेन पायलट कमीशन हो गई हैं. भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि में राजस्थान, मध्यप्रदेश और बिहार भी भागीदार बना है, क्योंकि मोहना सिंह, अवनी चतुर्वेदी और भावना कंठ इन्हीं राज्यों से ताल्लुक रखती हैं.
हैदराबाद के हकीमपेट में स्थित एयरफोर्स अकादमी में शनिवार सुबह पासिंग आउट परेड की शुरुआत हुई. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी अकादमी पहुंचे. उन्होंने पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया. जिसके बाद देश के नभ को सुरक्षित रखने का जिम्मा तीनों महिला पायलटों को सौंप दिया गया.
दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से अध्ययन करने वाली मोहना सिंह के पिता भी भारतीय वायुसेना में हैं. जबकि भावना ने एमएस कॉलेज बेंगलुरु से बीई इलेक्ट्रिकल और अवनी चतुर्वेदी ने राजस्थान के टॉक जिले में वनस्थली विद्यापीठ से कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की है.
Hyderabad: Passing out parade underway at the Indian Air Force Academy in Hakimpet pic.twitter.com/Y5fQ2Hgfcq
— ANI (@ANI_news) June 18, 2016
Defence Minister Manohar Parrikar at the passing out parade at the Indian Air Force Academy in Hakimpet(Hyderabad) pic.twitter.com/iaJP6lda7x
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मार्च में हासिल कर ली थी योग्यता
अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह ने मार्च में ही लड़ाकू विमान उड़ाने की योग्यता हासिल कर ली थी. इसके बाद उन्हें युद्धक विमान उड़ाने का गहन प्रशिक्षण दिया गया. यह पहला मौका होगा जब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान की कॉकपिट में कोई महिला बैठेगी. वायुसेना में करीब 1500 महिलाएं हैं, जो अलग-अलग विभागों में काम कर रही हैं. 1991 से ही महिलाएं हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं, लेकिन फाइटर प्लेन से उन्हें दूर रखा जाता था.
Avani Chaturvedi, Mohana Singh and Bhawna Kanth, female pilots who will be inducted in IAF fighter squadron shortly pic.twitter.com/wmAY106snR
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महिला और पुरुष में कोई अंतर नहीं: भावना
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर तीनों को फाइटर पायलट की ट्रेनिंग का ऐलान किया गया था. अब इनकी एक साल की एडवांस ट्रेनिंग कर्नाटक के बीदर में होगी. भावना सिंह कहती हैं, 'मेरा बचपन का सपना था कि मैं लड़ाकू विमान की पायलट बनूं. जहां चाह होती है, वहां राह होती है. महिला और पुरुष में कोई अंतर नहीं होता है. दोनों में एक ही तरह की हुनर, क्षमता क्षमता होती है कोई भी खास अंतर नहीं होता है.'
Defence Minister Manohar Parrikar reviews the passing out parade at the Indian Air Force Academy in Hakimpet pic.twitter.com/I7Zqqqk12V
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ट्रेनर ने लड़ाकू विमान के लिए किया प्रेरित: मोहना
मोहना कहती हैं, 'मैं तो ट्रांसपोर्ट विमान उड़ाना चाहती थी, लेकिन मेरे ट्रेनर ने मुझे लड़ाकू विमान के लिए प्रेरित किया. लड़ाकू विमानों का करतब और उनकी तेजी की वजह से मैं यहां पर हूं.'
Flying officer Avani Chaturvedi after being inducted in IAF fighter squadron pic.twitter.com/5kxMdsxctC
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यह सपना पूरे होने जैसा: अवनी
अवनी का कहना है कि हर किसी का सपना होता है कि वो उड़ान भरें. अगर आप आसमान की ओर देखते हैं तो पंछी की तरह उड़ने का मन करता है. वह कहती हैं, 'आवाज की स्पीड में उड़ना एक सपना होता है और अगर ये मौका मिलता है तो एक सपना पूरे होने के सरीखा है.'