केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विदेशी मुद्रा विनियम अधिनियम (फेरा) के एक मामले की आरोपी यास्मीन कपूर को गिरफ्तार कर लिया है. यास्मीन कपूर विमानन बिचौलिये दीपक तलवार की बेहद करीबी माना जाती हैं. इस साल फरवरी में यास्मीन को अदालत ने गिरफ्तारी से राहत प्रदान की थी.
सीबीआई ने 16 नवंबर, 2017 को नई दिल्ली स्थित निजी कंपनियों एंडवांटेज इंडिया, एकोर्डिस हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, एंडवांटेज इंडिया के दीपक तलवार, एकोर्डिस हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के सुनील खंडेलवाल, एकोर्डिस हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के एमडी रमन कपूर, कंसलटेंट टी कपूर और कई अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ गृह मंत्रालय की शिकायत के बाद केस दर्ज किया था.
सीबीआई ने फेरा 2010 के उल्लंघन, आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी, गलत बयानबाजी, फर्जी दस्तावेज और ठगने की कोशिशों के कारणों की जांच कर रही है.
जुलाई में दीपक तलवार गिरफ्तार
दीपक तलवार को एअर इंडिया केस में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. खास बात यह है कि विमानन घोटाले के मामले में उसके संलिप्त होने के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से इस साल की शुरुआत में गिरफ्तारी से राहत मिल गई थी. जांच से बचने के लिए तलवार 2017 में देश से भाग गया था. उसे 31 जनवरी को दुबई के अधिकारियों ने भारत को सौंपा था.
ईडी का कहना है कि यास्मीन कपूर ने दीपक तलवार के लिए विदेशी एयरलाइंस से मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए पैसा हासिल करने में उसकी मदद की और इसे अप्राप्त के रूप में घोषित भी किया.
इससे पहले 26 जुलाई को सीबीआई ने एक विमानन घोटाले के सिलसिले में बिचौलिये दीपक तलवार को गिरफ्तार किया था. विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार सिसोदिया की ओर से दीपक तलवार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद सीबीआई ने अदालत कक्ष में ही उसे गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआई ने आरोपियों के 11 ठिकानों पर छापे मारे.
विदेशी निजी एयरलाइंस को फायदा
एफआईआर के अनुसार, यह आरोप लगाया गया है कि आरोपी विदेशी योगदान का गलत उपयोग कर रहे थे जिसे भारत में शैक्षणिक और सामाजिक गतिविधियों के उद्देश्य से कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिल्टी स्कीम के तहत प्राप्त किए गए थे. यह फंड कथित तौर पर मुख्य रूप से एक विदेशी कंपनी से नई दिल्ली स्थित निजी फर्म एडवांटेज इंडिया के बैंक खातों में करीब 90.72 करोड़ रुपये फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट 2010 के तहत शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक कल्याण गतिविधियों को चलाने के लिए पंजीकृत है.
इसी विमानन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय के बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भी पूर्व विमानन मंत्री और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल से लंबी पूछताछ कर चुकी है.
जांच एजेंसियों के अनुसार, लॉबिस्ट दीपक तलवार अवैध रूप से विदेशी निजी एयरलाइंस को फायदा पहुंचाने के लिए राजनेताओं, मंत्रियों, अन्य लोक सेवकों और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के कई अधिकारियों के साथ लाइजनिंग और लॉबिंग में लिप्त था. इससे एअर इंडिया को घाटा हुआ.
जांच एजेंसी का दावा है कि उसने एअर इंडिया की कीमत पर 2008-09 के दौरान इन विमानन कंपनियों के लिए उनकी पसंद के यातायात अधिकार का प्रबंध किया. एजेंसी के अनुसार, जांच से खुलासा हुआ कि इसके बदले विमानन कंपनियों ने 2008-09 में तलवार को 272 करोड़ रुपये का भुगतान किया.