राजस्थान की गहलोत सरकार ने राज्य के स्कूली खिलाड़ियों के लिए एक अजीब फरमान जारी किया है. फरमान है कि अगर सरकार से उन्हें आर्थिक सहायता लेनी है तो पहले शपथ पत्र भर कर देना होगा कि उनका आरएसएस और जमाते इस्लामी से किसी भी तरह का कोई संबंध नहीं है.
जयपुर के सवाईमानसिंह स्टेडियम में होनहार बच्चे जमा हुए जो अपने खेल के दम पर सरकार के चहेते बने हैं. राजस्थान की सरकार भी इन सभी छात्र-छात्राओं को अच्छे खेल के बदले इन्हें आर्थिक मदद दे रही है.
पचास हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की सहायता मिलनेवाली है. बस शर्त ये है कि इन्हें लिखकर एक हलफनामा देना होगा कि इनके ना आरएसएस से कोई रिश्ते हैं और ना जमाते-इस्लामी से.
स्कूली बच्चों को पता नहीं कि आरएसएस और जमाते इस्लामी वाला शपथ पत्र क्यों भरवाया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वो तो सरकार से मिले फॉरमेट को भरवाने की अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. चेक बांटनेवाला राज्य खेल परिषद भी कहता है कि निर्देष सरकार के हैं और वो तो बस इसका पालन करवा रहे हैं.
चुनावी साल में गहलोत अपने इस फैसले से कौन सा निशाना साधना चाहते हैं और क्या लाभ होगा ये तो पता नहीं लेकिन फैसले पर विवाद तो हो ही गया है.