अयोध्या मामले में अंतिम फैसला सुनाए जाने पर अंतरिम रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर आश्चर्य प्रकट करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने आज उम्मीद जतायी कि शीर्ष अदालत अगले सप्ताह इलाहाबाद उच्च न्यायायालय को इस दिशा में आगे बढ़ने देगी.
उन्होंने लोगों से और भाजपा कार्यकर्ताओं से अदालतों के प्रति सम्मान का भाव रखने और शांति बनाए रखने की अपील भी की .
यहां प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजा अर्जना के बाद आडवाणी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं उच्चतम न्यायालय का फैसला समझ नहीं पाया.’ 20 साल पहले इसी स्थान से उन्होंने अयोध्या के लिए रथयात्रा निकाली थी.
उन्होंने कहा, ‘मैं देश की न्यायपालिका का सम्मान करता हूं. लेकिन जिस समय जनता अयोध्या मामले पर अदालत के फैसले का इंतजार कर रही है. जिस समय इस मामले के पक्षकार भी फैसला चाहते हैं और जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी फैसला टालने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है तब यह निर्णय उच्चतम न्यायालय से आया है.’ आडवाणी के साथ भाजपा से निष्कासित नेता उमा भारती भी थीं.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब मैं लोगों से और भाजपा कार्यकर्ताओं से हमारी अदालतों के सम्मान के रूप में कुछ और दिनों तक शांति बनाए रखने की अपील करूंगा.’{mospagebreak}
आडवाणी ने कहा, ‘‘मैं शीर्ष अदालत से अपील करता हूं कि चूंकि देशवासी पिछले 50 वषरें से इस मामले के फैसले का इंतजार कर रहे हैं अतएव उन्हें 28 सितंबर को अंतिम रूप से यह मामला लेना चाहिए और इसे निर्णय सुनाए जाने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पास भेजना चाहिए.’’ वरिष्ठ भाजपा नेता हर वर्ष 25 सितंबर को यहां आते हैं.
जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा मंदिर मुद्दे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है, आडवाणी ने कहा, ‘नहीं, मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहा. मैं सभी पक्षों और समुदायों से कहना चाहता हूं कि वे यह देखें कि जनता अयोध्या में राम जन्मस्थान पर मंदिर का निर्माण चाहती है. यदि ऐसा होता है तो हम चाहेंगे कि समाज के सभी वर्ग उसके निर्माण में योगदान दें.’ उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अयोध्या मामले पर फैसला एक सप्ताह के लिए टाल दिया था और इस मामले में निर्णय स्थगित करने की मांग वाली याचिका पर 28 सितंबर को सुनवाई करने का फैसला किया था.
सन् 1990 में सोमनाथ से अयोध्या की अपनी यात्रा की यादों को ताजा करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने यह यात्रा प्रारंभ की और उन्हें कैसी प्रतिक्रिया मिली.
सोमनाथ और अयोध्या मंदिर आंदोलनों की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि देशवासी सोमनाथ और अयोध्या को देश की एकता का आदर्श बनाएं.’