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अयोध्या मामले में कल सुनवाई पूरी होने की उम्मीद, CJI ने दिए संकेत

अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई पूरी होने की उम्मीद जताई है. उम्मीद है कि कल भोजनावकाश के बाद मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर बहस हो जाए. CJI ने ऐसे संकेत दिए हैं.

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फोटो-IANS
फोटो-IANS

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  • सुप्रीम कोर्ट ने कल सुनवाई का समय तय किया
  • मुस्लिम पक्ष के वकील को एक घंटे का समय मिला
  • बहस के लिए हिंदू पक्ष के वकील को 45 मिनट मिलेगा
  • चारों हिंदू पक्षकारों को 45-45 मिनट समय दिया गया

लंबे समय से अदालत में चल रहे अयोध्या मामले में फैसले की घड़ी करीब आ गई है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई पूरी होने की उम्मीद जताई है. उम्मीद है कि कल भोजनावकाश के बाद मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर बहस हो जाए. CJI ने ऐसे संकेत दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई का समय तय कर दिया है. मुस्लिम पक्ष के वकील को एक घंटे और हिंदू पक्ष के वकील को 45 मिनट मिलेगा. वहीं, चारों हिंदू पक्षकारों को 45-45 मिनट समय दिया गया है. इससे पहले हिंदू पक्ष की ओर से दलीलें रखी गईं. मंगलवार को इस मसले की सुनवाई का 39वां दिन था.

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आज की सुनवाई के बड़े अपडेट:

05.30 PM:  सुप्रीम कोर्ट में चल रही अयोध्या मामले की सुनवाई कल यानी बुधवार को पूरी होने की उम्मीद जताई गई है. उम्मीद है कि कल दोपहर बाद यानी भोजनावकाश के बाद मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर बहस हो जाए. CJI ने ऐसे संकेत दिए हैं.

05.15 PM: वैद्यनाथन ने कहा कि हाई कोर्ट ने भी माना है कि मूल दस्तावेजों में मस्जिद को ग्रांट यानी वित्तीय मदद का कोई सबूत नहीं है, लेकिन 1860 के बताए जा रहे दस्तावेजों के अनुवाद में ग्रांट की बात कही जा रही है. ये गलत है क्योंकि हाई कोर्ट में जो दस्तावेज दिया गया यहां उससे अलग दलील और दस्तावेज दिए गए. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ग्रांट की दलील से उनका कोई कब्जा सिद्ध नहीं हो रहा, हां वो मस्जिद का वजूद बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकारें ग्रांट देती रही हैं. हो सकता है कि गलत जगह या लोगों को भी ग्रांट मिली हो. इस बीच CJI ने कहा कि अब बेंच ने उठने से पहले तय किया कि वैद्यनाथन 45 मिनट और धवन 1 घंटे लेंगे. फिर 45-45 मिनट दोनों पक्षों को दलीलों के जवाब के लिए मिलेंगे.

05.10 PM: वैद्यनाथन ने कहा कि ये इमारत तो मस्जिद के तौर पर इस्तेमाल हो रही थी न कि इसे मस्जिद के तौर पर समर्पित किया गया था. वहीं, जस्टिस बोबड़े ने कहा कि समर्पण तो निष्कर्ष चीज है क्या उसे सबूत माना जा सकता है? इस पर वैद्यनाथन ने कहा कि ये बात तो जस्टिस खान ने भी कही है कि जब किसी सम्पत्ति के दो दावेदार और इस्तेमाल करने वाले हों तो उसे वक्फ नहीं किया जा सकता. इसलिए वहां कोई विशिष्ट तौर पर समर्पण नहीं था. जस्टिस बोबड़े ने पूछे वो मस्जिद के तौर पर इस्तेमाल तो हो रही थी? जवाब में वैद्यनाथन ने कहा हां, लेकिन उनके पास पजेशन के अधिकार का कोई सबूत नहीं है. इस बीच एक बार फिर राजीव धवन ने आपत्ति जताई तो CJI ने धवन को बुरी तरह डांटा और बैठने को कहा. धवन माफी मांगते हुए बैठ गए.

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04.34 PM: टी ब्रेक के बाद सुनवाई फिर शुरू हो गई है. परासरण के बाद अब हिंदू पक्षकारों की ओर से सीएस वैद्यनाथन दलीले दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड 1949 से लेकर 1992 तक कब्जा खो चुके थे. ग्रांट, वक्फ और एडवर्स पजेशन को मुस्लिम पक्षकारों ने अपील का आधार बनाया है. ये सब ढांचे को लेकर हैं. जमीन पर अधिकार हमारा ही है. वहीं, राजीव धवन ने वैद्यनाथन की दलील पर चीखते हुए कहा 'जस्ट स्टॉप इट'. इस तरह की आपत्ति पर वैद्यनाथन नाराज हुए और कहा कि इनको ये हक नहीं है. मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं और इनका विरोध करता हूं. इस पर CJI ने कहा कि अगर हमें आपकी दलील पर आपत्ति होगी तो हम कहेंगे. आप उनकी बातों को दरकिनार कर दें. आप दलील जारी रखें.

04.14 PM: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में CJI जस्टिस रंजन गोगोई ने हिंदू पक्ष के वकील सीएस वैद्यनाथन से पूछा आप कितना समय चाहते हैं ? इस पर सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि 2 घंटे उन्हें बहस करने के लिए चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हम आपको बहस के लिए दो घंटे नहीं देंगे. CJI ने 4.15 से 5.15 बजे तक बहस पूरी करने को कहा. सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि आप हमें कल का 60 मिनट बहस के लिए दे दीजिए.  CJI ने कहा कि हमनें ऐसे बहुत वादे देखे हैं. CJI ने नाराजगी जाहिर करते हुए करते हुए कहा ऐसे तो बहस दीवाली के बाद भी चलती रहेगी. वहीं, वैद्यनाथन ने कहा कि हमनें कभी वादा नहीं तोड़ा है.

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03.15 PM: वकील के. परासरण ने सुनवाई में कहा कि इलाहाबाद की कोर्ट ने भी 1885 केस के संबंध में कुछ कहा है. तब मजिस्ट्रेट के द्वारा उस जगह की जांच की गई थी, उस दौरान उन्होंने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि हिंदुओं के पवित्र स्थान पर मस्जिद बनाई गई है. लेकिन बाद में ये बात सामने आई कि ये 250 साल पुराना मामला है. पहले भी हिंदुओं के पक्ष में बात सामने आई थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष को अभी सबूत देना बाकी है.

02.40 PM: लंच के बाद जब सुनवाई शुरू हुई तो के. परासरण ने अपनी दलील जारी रखी. उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष कहता है कि हिंदुओं के पास सिर्फ पूजा का अधिकार है. लेकिन इसमें संपत्ति के बारे में देखना होगा. इसपर जस्टिस बोबड़े ने कहा कि पूजा करने वालों को जमीन का अधिकार दिया जा सकता है?

के परासरण ने कहा कि इस पर सार्वजनिक सामित्व नहीं हो सकता है, जबतक की जमीन का टाइटल तय ना हो जाए. कोई भी इस जमीन पर अपना कब्जे का दावा नहीं कर सकता, न हिंदू, न मुस्लिम क्योंकि ये सार्वजनिक पूजा स्थल है.

इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने सवाल किए और कहा कि इस बारे में लड़ाई नहीं है. सवाल ये है कि ये जमीन वक्फ की प्रॉपर्टी है.

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01.20 PM: लंच

01.15 PM: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान के. परासरण ने कहा कि मुस्लिमों को साबित करना होगा कि जमीन पर उनका हक है. इसपर जस्टिस नज़ीर ने पूछा कि बिना एडवर्स पजेशन को साबित किए मालिकाना हक को साबित कर सकते हैं?

इसपर के. परासरण ने कहा कि क्योंकि ड्युअल ऑनरशिप का प्रावधान भारतीय कानून में है. लिहाजा एडवर्स पजेशन में भी किसी की जमीन पर कोई जबरन इमारत बना ले, तो भी जमीन का मालिकाना हक ज़मीन वाले का ही रहता है.

उन्होंने कहा कि अभी हमें नहीं बल्कि मुस्लिम पक्ष को मालिकाना हक सिद्ध करने की ज़रूरत है क्योंकि हमारा दावा तो स्वयंसिद्ध है.

12.50 PM: सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्षकार के वकील के. परासरण ने लगातार कई सवाल पूछे गए. इसपर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मुस्कुराते हुए मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन से पूछा कि क्या हिंदू पक्ष से सही सवाल पूछ रहे हैं? क्या आप इन सवालों से संतुष्ट हैं मिस्टर धवन?

इसी के साथ ही कोर्ट में ठहाके गूंजे और के. परासरण बोले कि मुझे सवालों से कोई ऐतराज़ नहीं हैं, मैं सभी सवालों के जवाब दूंगा.

12.35 PM: चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान पूछा कि अगर सूट प्रॉपर्टी नष्ट हो गई है, तो फैसला किस पर दिया जाएगा? इसपर के. परासरण ने कहा कि मैं नहीं मानता मस्जिद हमेशा मस्जिद रहती है, लेकिन मेरी दलील है कि मंदिर हमेशा मंदिर रहता है. फिर चाहे वहां पर भवन, मूर्ति हो या नहीं.

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12.30 PM: वकील के. परासरण ने अपनी दलील में कहा कि किसी को भी भारत के इतिहास को तबाह करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट को इतिहास की गलती को ठीक करना चाहिए. एक विदेशी भारत में आकर अपने कानून लागू नहीं कर सकता है. हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि मुस्लिम कहीं और भी जाकर नमाज़ पढ़ सकते हैं, अयोध्या में 56-60 मस्जिद हैं. लेकिन ये भगवान राम का जन्मस्थान है, हम ये नहीं बदल सकते हैं.

12.20 PM: मंगलवार को बहस के दौरान के. परासरण ने कहा कि आज सुनवाई का 38वां दिन है, लेकिन साथी वकील ने उन्हें टोका और कहा कि आज 39वां दिन है. इसी बीच चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि कल 40वां दिन है, कल ही बहस का आखिरी दिन है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार बहस बुधवार को पूरी होगी, जबकि 17 अक्टूबर का दिन मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के लिए रखा गया है. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से मांग या दावा किया जाता है जो फैसले में नहीं मिलता है, यानी एक तरह से विकल्प अदालत को बताया जाता है.

12.15 PM: हिंदू पक्षकार के वकील के. परासरण ने अपनी दलील की शुरुआत भारत के इतिहास के साथ की. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब वकील वी.पी. शर्मा ने लिखित दलील के साथ कुरान के अंग्रेज़ी अनुवाद की कॉपी रजिस्ट्री को सौंपी. इसके साथ ही हिंदू और सिख धर्म ग्रंथ भी रजिस्ट्री को सौंपे जाएंगे.

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12.00 PM: हिंदू पक्षकार की ओर से वकील ने मंदिर के सबूत के तौर पर कुछ दस्तावेज़ कोर्ट को देने की गुजारिश की है. अदालत की ओर से दस्तावेज़ रजिस्ट्री को देने को कहा गया है. अब हिंदू पक्षकार सूट-4 महंत रामचंद्र दास के शिष्य सुरेश दास की ओर से वकील परासरण अपनी दलीलें दे रहे हैं.

11.50 AM: अयोध्या केस की सुनवाई शुरू हो गई है. हिंदू पक्ष की ओर से निर्मोही अखाड़ा बुधवार को अपनी दलील रखेगा. निर्मोही अखाड़े के वकील के परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने के कारण वह अदालत नहीं पहुंच सके.

16 अक्टूबर तक खत्म होगी सुनवाई?

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई खत्म करने के लिए 17 अक्टूबर तक का समय दिया था, लेकिन सोमवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई को 16 तक ही खत्म करने की ओर इशारा किया. अब दो दिन सिर्फ हिंदू पक्ष अपनी अंतिम दलीलें रखेंगे.

14 अक्टूबर की पूरी सुनवाई क्लिक कर पढ़ें: अयोध्या केसः CJI का इशारा- 16 अक्टूबर तक खत्म हो जाए सुनवाई

‘सिर्फ मुस्लिम पक्ष से पूछे जा रहे सवाल?’

सोमवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने अदालत में कहा कि उन्हें लगता है कि अदालत सिर्फ उनसे ही सवाल पूछ रही है, हिंदू पक्ष की ओर कोई सवाल नहीं उठ रहा है. हालांकि, अदालत ने उनके इस सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की थी. साथ ही मुस्लिम पक्ष ने कहा कि श्रद्धा-स्कन्द पुराण के आधार पर जमीन पर कब्जा नहीं मिलता है, ऐसे में अयोध्या की ज़मीन को मुस्लिम पक्ष को ही सौंपा जाए.

इसे पढ़ें: अयोध्या: SC से बोले मुस्लिम पक्ष के वकील- आप मुझसे सवाल करते हैं, हिंदू पक्ष से नहीं!

अदालत की ओर से सोमवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा है.

गौरतलब है कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई अब अंतिम दौर में है, ऐसे में अयोध्या में भी सुरक्षा को बढ़ाया गया है. यूपी सरकार की ओर से अयोध्या जिले में धारा 144 लगाई गई है. योगी सरकार की ओर से एक बार फिर दिवाली पर धूमधाम से अयोध्या को सजाया जाएगा.

कौन कर रहा है अयोध्या मामले की सुनवाई?

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा इस मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ में जस्टिस एस.ए. बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए नज़ीर भी शामिल हैं. मध्यस्थता की कोशिशें असफल होने के बाद से 6 अगस्त को इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हुई थी, तब से लेकर अबतक हफ्ते में पांच दिन इस मसले की सुनवाई हो रही है.

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