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सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले पर सुनवाई शुरू, सेक्रेटरी जनरल की रिपोर्ट दाखिल

Ayodhya Supreme court सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर सुनवाई शुरू हो गई है. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल की रिपोर्ट दाखिल हो गई है. इस रिपोर्ट में अनुवाद किए गए दस्तावेजों का ब्यौरा है.

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अयोध्या मसले पर बड़ी सुनवाई
अयोध्या मसले पर बड़ी सुनवाई

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सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में सुनवाई शुरू हो गई है. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल की रिपोर्ट दाखिल हो गई है. स्टेटस रिपोर्ट पर चार रजिस्ट्रार के दस्तखत हैं. रिपोर्ट में अनुवाद किए गए दस्तावेजों का ब्यौरा है.

सेक्रेटरी जनरल की रिपोर्ट में इस बात का भी ब्योरा है कि कितने-कितने पेज हैं और कौन-कौन सी भाषा और लिपि में दस्तावेज हैं. सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक अनुवादकों को और कितना समय चाहिए इसका भी ब्यौरा है.

सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के एडवोकेट राजीव धवन ने कहा कि यदि आधिकारिक अनुवादों द्वारा अनुवाद उपलब्ध हो तो वे इसका परीक्षण करने को तैयार हैं. इसके जवाब में CJI ने कहा कि यूपी सरकार ने सरकारी अनुवादक उपलब्ध कराए हैं.

धवन ने कहा कि ऐसी खबरें हैं कि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से जुड़े सरकारी अनुवादक एक दिन में सिर्फ 12 पेज का अनुवाद कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'हमने यूपी सरकार द्वारा जमा किए गए कागजात नहीं देखे हैं.' इस पर मुस्लिम पक्ष के दूसरे एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि हमें बैठकर इस सारे दस्तावेजों को देखना होगा. यूपी सरकार के प्रतिनिधि ने कहा कि दस्तावेजों का परीक्षण चल रहा है. इस पर धवन ने कहा कि कुछ कागजात का आदान-प्रदान हुआ है, लेकिन समूचे दस्तावेजों का परीक्षण नहीं हुआ है.

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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का आज बड़ा दिन है. देश की सर्वोच्च अदालत में आज अयोध्या विवाद से लेकर लड़ाकू विमान राफेल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुनवाई होनी है. जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 35ए पर भी सुनवाई हो सकती है. हालांकि, इसे लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है.

 कोर्ट ने इससे पहले अयोध्या मामले में 29 जनवरी को प्रस्तावित सुनवाई को 27 जनवरी को रद्द कर दिया था क्योंकि न्यायमूर्ति बोबडे उस दिन उपलब्ध नहीं थे. इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दाखिल की गई हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि अयोध्या में 2.77 एकड़ जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटा जाए.

बीते 25 जनवरी को पांच न्यायाधीशों की पीठ का पुनर्गठन किया गया था क्योंकि पहले पीठ में शामिल रहे न्यायमूर्ति यू यू ललित ने मामले में सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी को भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहने के लिए कहा है. दरअसल, उन्होंने अयोध्या में मौजूद रामजन्मभूमि में पूजा करने की इजाजत देने की मांग की है. जिसपर CJI ने उन्हें मंगलवार को होने वाली सुनवाई में उपस्थित रहने को कहा है.

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