अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसले सुना दिया है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने फैसला सुनाते हुए निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया है. अयोध्या में रामलला विराजमान को विवादित जमीन दी गई है. साथ ही अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन मिलेगी. कोर्ट के फैसले के साथ ही अब प्रतिक्रिया भी आने लगी है. मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि हम फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन संतुष्ट नहीं हैं. आगे की कार्रवाई पर हम बाद में फैसला करेंगे.
उन्होंने कहा कि फैसले में कई विरोधाभास हैं, लिहाजा हम फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. हम फैसले का मूल्यांकन करेंगे और आगे की कार्रवाई पर फैसला लेंगे. जफरयाब जिलानी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड फैसले का सम्मान करता है, लेकिन फैसला संतोषजनक नहीं है.
Zafaryab Jilani, All India Muslim Personal Law Board: We will file a review petition if our committee agrees on it. It is our right and it is in Supreme Court's rules as well. #AyodhyaJudgment https://t.co/ICu8y7fOzI pic.twitter.com/iAoOIcjMTz
— ANI (@ANI) November 9, 2019
जिलानी ने आगे कहा कि फैसले के बाद शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखें. यह किसी की जीत या हार नहीं है. हालांकि फैसला हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा. उन्होंने आगे कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कार्यकारी बोर्ड की बैठक के बाद फैसला लिया जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए या नहीं. हालांकि अभी के आधार पर मुझे लगता है कि पुनर्विचार याचिका दाखिल की जानी चाहिए.
मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि विवादित जमीन पर मुसलमान अपना एकाधिकार सिद्ध नहीं कर पाए. इसलिए विवादित जमीन पर रामलाल विराजमान का हक है. जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन किसी दूसरी जगह दी जाएगी. कोर्ट ने कहा कि केंद्र या राज्य सरकार अयोध्या में उचित स्थान पर मस्जिद बनाने को जमीन दे.