अयोध्या मामले पर फैसले की घड़ी को नजदीक आता देख यूपी पुलिस भी तैयारी कर रही है. यूपी पुलिस पर राज्य की कानून-व्यवस्था को नियंत्रण में रखने की अहम जिम्मेदारी है. यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि किसी भी हालत में किसी को कानून अपने हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा. अगर कोई ऐसा करता है तो उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (National Security Act) के तहत कार्रवाई की जाएगी.
बवाल किए तो लगेगा रासुका
बता दें कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. अगले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट इस विवाद पर अपना फैसला सुना सकता है. डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अयोध्या मामले के फैसले को लेकर सतर्कता बरती जा रही है, सभी डीएम और एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे पूरी मशीनरी चुस्त-दुरुस्त रखें और जनता से संपर्क बनाकर रखें. उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस की खुफिया शाखा भी काम कर रही है और अहम सूचनाएं इकट्ठा कर रही है. डीजीपी सिंह ने कहा कि किसी भी स्थिति में कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जाएगी, और अगर जरूर पड़ती है तो ऐसा करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधान लगाए जाएंगें.
UP DGP OP Singh on upcoming verdict in Ayodhya case: We are absolutely ready. Under no circumstances, anybody will be allowed to take law in hand. Our Intelligence machinery is geared up. If needed,National Security Act will be imposed on elements who attempt to disrupt law&order pic.twitter.com/wG8GMyTWbS
— ANI UP (@ANINewsUP) November 3, 2019
जनता से पुलिस की अपील
बता दें कि यूपी पुलिस अलग-अलग थाना क्षेत्र में लोगों के साथ मीटिंग कर रही है और माहौल को सौहार्द्रपूर्ण बनाए रखने की अपील कर रही है. लखनऊ में हर थाना क्षेत्र में एसपी और सीओ लेवल के अधिकारी अपने दफ्तर में लोगों को बुलाकर बात कर रहे हैं और उन्हें समझा रहे हैं. डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जिलों में पीस कमेटी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनसे लगातार संपर्क बनाए रखें और स्थिति पर नजर रखें. रविवार को डीजीपी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर कानून व्यवस्था की समीक्षा की और चुनौतियों पर सिलसिलेवार चर्चा की.
सोशल मीडिया पर खास नजर
अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर यूपी पुलिस की सोशल मीडिया पर खास नजर है. डीजीपी ने सोशल मीडिया के माध्यम से पिछले पांच सालों में विवादित बयान या वीडियो पोस्ट करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उनपर खास नजर रखने को कहा है.