शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी की मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को लिखी चिट्ठी पर मचे बवाल के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने रिजवी को धन्यवाद कहा है. गिरिराज ने कहा कि महादेव ने और खुदा ने उन्हें भारत में अमन चैन के लिए सामाजिक सद्बुद्धि दी.
गिरिराज ने कहा कि इतिहास गवाह है कि मुगलों के काल में कि मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाए गए थे. यह कोई छुपी हुई बात नहीं है और कुछ मुसलमान हैं, जो राजनीति कर रहे हैं. नहीं तो, अधिसंख्यक मुसलमान इस मत के हैं कि अब अमन चैन शांति रहे. सामाजिक सद्भावना रहे और मंदिर अयोध्या में बने.
उन्होंने कहा कि मंदिर अयोध्या में ही बनना चाहिए, क्योंकि इससे लाखों करोड़ों हिंदुओं का विश्वास जुड़ा है. मैं तो बार-बार कहता हूं लेकिन मेरी बात पर विवाद खड़ा हो जाता है. हम दोनों तो भाई ही थे. आज हम हिंदू पद्धति में हैं, क्योंकि मैं हिंदू रह गया और मुगलों के दबाव में उनके पूर्वज मुसलमान बन गए.
गिरिराज सिंह ने कहा कि हम दोनों के पूर्वज तो एक ही हैं. उन पत्रों का सम्मान करना चाहिए और रिजवी साहब ने संवेदनशील पत्र लिखा है, उनका सम्मान करना चाहिए. रिजवी ने इनमें से 9 जगह की चर्चा की, इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं.
मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के बयान पर गिरिराज सिंह का कहना है कि रिजवी साहब जैसे कई लोग मौजूद हैं जो समाज में सामंजस्य और यथार्थ की बात करते हैं. श्री श्री के बयान पर गिरिराज सिंह का कहना है कि हम बार-बार कहते हैं कि कोर्ट का सम्मान करते हैं. कोर्ट ने भी बाहर ही सुलझाने की अपील की थी. श्री श्री रविशंकर भी वही कहते हैं.
उन्होंने कहा कि यह सामाजिक सद्भाव के लिए अयोध्या में ही हनुमान छावनी में मंदिर की जमीन पर मस्जिद के लिए महंतों ने जमीन दिया. ऐसे में कट्टरपंथियों को हिंदुओं के देवी देवताओं और उनके आराध्या का सम्मान करना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर हिंदुओं के दिल में प्रेम कैसे होगा. हिंदुओं के दिल में रोष और उनके प्रति विद्वेष होगा. रिजवी साहब और श्री श्री रविशंकर अच्छी बात कह रहे हैं कि बाहर में इसका समाधान आना चाहिए.