अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 24 सितंबर को फैसला सुनाये जाने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की किसी स्थिति से निपटने के लिए केन्द्र ने राज्य को अर्धसैनिक बलों के 4000 जवान मुहैया कराये हैं. केन्द्र सरकार ने जनता से शांति बनाये रखने की अपील भी की है.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि केन्द्र उत्तर प्रदेश सरकार के लगातार संपर्क में है. बताया जाता है कि राज्य के मुख्य सचिव से भी इस संबंध में बातचीत हो रही है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने अर्धसैनिक बलों की 630 कंपनियों की मांग की थीं, लेकिन केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने केवल 40 कंपनियां मुहैया करायी हैं.
अर्धसैनिक बलों की कई कंपनियों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तीन अक्टूबर से होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में लगाया जाएगा. कई कंपनियां नक्सल प्रभावित इलाकों, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में पहले से तैनात हैं.
सूत्रों ने कहा, ‘फैसला किसी के भी पक्ष में आये, यह अंतिम फैसला नहीं है. शुक्रवार 24 सितंबर का फैसला जिस भी पक्ष के खिलाफ जाएगा, वह निश्चित तौर पर उच्चतम न्यायालय में अपील करेगा और सोमवार या मंगलवार तक उसे संभवत: स्थगनादेश हासिल हो जाएगा.’
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर मामला केवल दो से तीन दिन का होगा क्योंकि 24 सितंबर को शुक्रवार का दिन है. उसके अगले दो दिन शीर्ष अदालत में अवकाश रहेगा और सोमवार या मंगलवार तक प्रभावित पक्ष को संभवत: स्थगनादेश मिल जाएगा.{mospagebreak}
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भाजपा संसदीय बोर्ड के प्रमुख लालकृष्ण आडवाणी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के नेताओं ने जनता से शांति बनाये रखने की अपील की है और हर कोई कह रहा है कि अदालत के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए.
उच्च न्यायालय का फैसला तो सेमीफाइनल होगा. यह कोई फाइनल फैसला नहीं है. सूत्रों ने कहा कि एक बार उच्चतम न्यायालय से स्थगनादेश मिलने के बाद फिर 24 सितंबर के पहले की स्थिति बहाल हो जाएगी और मामला शीर्ष अदालत में चलेगा क्योंकि जो पक्ष उच्च न्यायालय के फैसले से संतुष्ट नहीं होगा, वह उच्चतम न्यायालय में अपील अवश्य करेगा.
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगडने की आशंका के मद्देनजर उसे अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियां उपलब्ध कराने के सवाल पर सूत्रों ने कहा कि कानून व्यवस्था की कोई गंभीर स्थिति नहीं पैदा होनी चाहिए.
इस बात का सभी को अहसास है. राज्य में जगह जगह शांति समितियां हैं, सभी राजनीतिक दलों ने भी अपने कैडरों से संयम बरतने और जनता को भडकाये जाने की किसी भी स्थिति को रोकने की अपील की है.
अयोध्या विवाद पर अदालती फैसले के मद्देनजर किसी आतंकी संगठन द्वारा हमले की खबरों के बारे में पूछने पर सूत्रों ने कहा कि यह पूरी तरह गलत सूचना है.