भाजपा ने कहा है कि अयोध्या मालिकाना हक मुकदमे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर केंद्र को बातचीत की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए या बातचीत की प्रक्रिया को सुगम बनाना चाहिए, ताकि अयोध्या मुद्दे पर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच बातचीत के जरिए समझौता हो सके.
पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने संवाददाताओं से कहा कि बातचीत के जरिए निपटारा एक अभीष्ट विकल्प होगा, क्योंकि उच्चतम न्यायालय में फैसले के खिलाफ अपील के निपटारे में समय लगेगा. उन्होंने कहा, ‘‘फैसले के बाद लोग जल्द और शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं. केंद्र सरकार को इसलिए बातचीत के जरिए समझौते तक पहुंचने के लिए दोनों समुदायों के बीच बातचीत शुरू करनी चाहिए या उसे सुगम बनाना चाहिए.’’ जावडेकर ने कहा कि फैसले पर समाज की संयमित प्रतिक्रिया ने दिखा दिया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए माहौल है.
उन्होंने उन सवालों को टाल दिया कि उच्च न्यायालय के फैसले के बाद राम मंदिर के मुद्दे का भाजपा की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा. जावडेकर ने कहा, ‘‘हमने हमेशा कहा है कि यह आस्था का मामला है.’’