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अयोध्‍या मसला: किसने क्‍या कहा?

अयोध्या मालिकाना हक पर फैसला रोकने का आग्रह करने वाली पूर्व नौकरशाह रमेशचंद्र त्रिपाठी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया है.

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कल्‍याण सिंह- लखनऊ बेंच को इस मामले पर जल्‍दी से जल्‍दी फैसला सुना देना चाहिए. मैं चाहता हूं कि फैसला हिंदूओं के पक्ष में आए लेकिन अगर नहीं आएगा तो संसद में मंदिर के लिए अलग कानून बनाकर मंदिर बनाया जाना चाहिए. जो सरकार कह रही है कि फैसले के बाद सुरक्षा व्‍यवस्‍था बिगड़ जाएगी वैसे सरकार को तत्‍काल हट जाना चाहिए.

भाजपा नेता विनय कटियार- फैसले को लटकाने के पीछे जो शक्तियां थी, उसकी जांच होनी चाहिए. अदालत का जो भी निर्णय होगा वह हम सबको मान्‍य होगा.

रविशंकर प्रसाद (हिंदू महासभा के वकील और भाजपा प्रवक्‍ता)- फैसला रोकने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटा दी है. हम सुप्रीम कोर्ट के प्रति कृ‍तज्ञता जताते हैं.

जफरयाब जिलानी (वकील, सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड)- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लखनऊ बेंच को यह कॉपी दे दी जाएगी और हम उम्‍मीद करते हैं कि अगले तीन दिनों में लखनऊ बेंच अपना फैसला दे देगी. सुप्रीम कोर्ट ने अभी इसके पीछे अपना कारण नहीं दिया है लेकिन फैसले से यही लगता है सुप्रीम कोर्ट फैसले को रोकने के पक्ष में नहीं है.

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वीएचपी नेता, अशोक सिंघल: आने वाले फैसले को उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट को तय करना है. यह बार बार पूछा जाता है कि फैसला मान्‍य होगा या नहीं. राम मंदिर का फैसला एक राष्‍ट्रीय फैसला है. संत महात्‍माओं ने कहा है कि इसे कोर्ट का फैसला नहीं बनाया जाना चाहिए. हम राम मंदिर को मिलकर बनाएंगे, ऐसा मेरा मानना है.

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